भास्कर न्यूज|लोहरदगा लोहरदगा प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी रामजीवन नायक के सेवानिवृत्त होने पर राजकीय कृत प्राथमिक विद्यालय कुटमू में विदाई समारोह आयोजित किया गया। प्रधानाध्यापिका रश्मि खेस ने कहा कि इतने वर्षों में इतना व्यवहार कुशल और सरल स्वभाव का शिक्षा पदाधिकारी नहीं देखा। वे शिक्षक हितैषी रहे। पूरा शिक्षा समाज उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सेवानिवृत्त शिक्षक किशोर कुमार वर्मा ने कहा कि शिक्षक या शिक्षा पदाधिकारी सेवानिवृत्त होने के बाद ज्ञान और अनुभव की एक लाइब्रेरी बन जाते हैं। उनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता है। रामजीवन नायक शिक्षक से शिक्षा पदाधिकारी बने, इसलिए शिक्षकों की समस्याओं को भली-भांति समझते थे। उन्होंने कभी किसी को परेशान नहीं किया, न ही किसी का वेतन रोका। शिक्षा में तानाशाही प्रवृत्ति से विकास संभव नहीं। रामजीवन नायक ने कहा कि उनकी पहली पदस्थापना अभिनंदन कुटमू स्कूल में हुई थी और विदाई भी यहीं से हो रही है। यह प्रकृति का नियम है कि जो दिया जाता है, वह लौटकर जरूर आता है। यदि उनके कार्यकाल में किसी को कोई कष्ट हुआ हो तो वे क्षमा चाहते हैं। सेवानिवृत्ति के बाद वे कृषक के रूप में परिवार को समय देंगे। इस अवसर पर कुटमू स्कूल की छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रम और विदाई गीत प्रस्तुत किया। विद्यालय की ओर से उन्हें शॉल ओढ़ाकर और उपहार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रखंड सह जिला लेखा पदाधिकारी अनिल सिंह, सीआरपी जीतेंद्र मित्तल, निशा गुप्ता, निधि कुमारी सिन्हा, अविराम प्रशिक्षण महाविद्यालय के शिक्षक-प्रशिक्षु और शिक्षिकाएं उपस्थित थी।