पलामू में बदल रहा खेती का पैटर्न, बन रहा ताइवान अमरूद का हब

पलामू में मानसून विफलता के कारण लगातार सुखाड़ और अकाल पड़ता हैं। इससे उबरने के लिए पलामू में खेती का बदलता पैटर्न उम्मीद जगा रहा है। अब पलामू के किसान परंपरागत खेती का मोह त्याग कर व्यवसायिक खेती कर रहे हैं। इसका सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। हाल के दिनों में पलामू में ताइवान का अमरूद लगा कर बिजनेस का मॉडल तैयार कर रहे हैं। लोगों का रुझान तेजी से फलदार वृक्ष की खेती के तरफ बढ़ रहा है। मेदिनीनगर के प्रतिष्ठित व्यवसायी अखिलेश अग्रवाल सदर थाना क्षेत्र के जोरकट में लगभग 3 साल से ताइवान के अमरूद की बागवानी कर रहे हैं। अखिलेश का कहना है कि उनका पूरा परिवार व्यवसाय करता है। कृषि कार्य का कोई अनुभव नहीं था। तीन साल पहले चियाकी अनुसंधान केंद्र में ताइवान की अमरूद की बागवानी देखकर प्रभावित हुआ। इसके बाद खेती शुरू की। कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो पलामू में फलदार वृक्षों की खेती की संभावना है। लेकिन किसान धान और दलहन आदि की खेती करते हैं।

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