महासमुंद में सरकारी स्कूलों में अवैध नियुक्तियां:बिना शासन की अनुमति के NGO के शिक्षकों को दिया पदभार, DEO को नोटिस जारी

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में शिक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। कौशल विकास के नाम पर रि-इंडिया स्किल टेक्नोलॉजी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में अवैध रूप से नियुक्त किया गया। जांच में पता चला कि विभाग ने 7 शिक्षकों की बजाय 6 शिक्षकों की जानकारी देकर एक महिला शिक्षिका का नाम छिपाया गया। NGO ने 2024 में 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को कौशल विकास पाठ्यक्रम, खेल-कूद और स्वास्थ्य शिक्षा देने की अनुमति मांगी थी। बिना शासन की अनुमति के NGO के शिक्षकों को पदभार दिया गया। इस पर संयुक्त संचालक ने जिला शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। DEOऔर NGO की मिलीभगत तत्कालीन DEO मीता मुखर्जी ने NGO से मिलीभगत कर नियमों की अनदेखी की। उन्होंने न तो NGO का पंजीकरण देखा और न ही संयुक्त संचालक को सूचित किया। मीता मुखर्जी के स्थानांतरण के बाद नए DEO मोहन राव सावंत ने 14 मार्च 2024 को पदभार संभाला। मोहन राव सावंत ने भी 3 जनवरी 2025 को बिना उचित जांच-पड़ताल के NGO को प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने का आदेश जारी कर दिया। वर्तमान DEO का कहना है कि उन्होंने कोई आदेश जारी नहीं किया है। ये है पूरा मामला रि – इंडिया ने 13 दिसंबर 2024 को तुसदा हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रधान पाठक के नाम योगेश्वरी बघेल को ज्वाइनिंग देने पत्र भेजा। 21 दिसंबर 2024 को योगेश्वरी बघेल सीधे तुसदा हायर सेकेंडरी स्कूल पहुंची, और प्रधानपाठक महेन्द्र मरकाम ने DEO का आदेश मानकर बकायदा शासकीय विभागों की तर्ज पर कार्यभार ग्रहण कराया। ज्वाइनिंग की प्रतिलिपि प्रधान पाठक ने संचालक लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर, संभागीय संकुल संचालक पेंशन बाड़ा, महासमुंद कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी और योगेश्वरी बघेल को भेजी गई। DEO ने भी पदभार ग्रहण की जानकारी दबाए रखा। वहीं स्कूल में कौशल विकास व्यवसायिक पाठ्यक्रम के नाम पर समाजशास्त्र पढ़ाया जा रहा था। वर्तमान DEO ने 15 जनवरी 2025 को सभी प्राचार्य और प्रधान पाठकों को विभागीय पत्र भेजकर रि – इंडिया के निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षक शाला में उपस्थित होते हैं, तो उनसे केवल अध्यापन का काम लेने को कहा गया। उन्होंने पत्र में यह भी कहा कि ऐसे शिक्षकों को कार्यभार, अटेंडेंस रजिस्टर में उनका नाम न लिखा जाए और ना ही कोई अनुभव प्रमाण पत्र दिया जाए। इसके ठीक 2 दिन पहले यानि 14 जनवरी 2025 को संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रायपुर द्वारा DEO मोहन राव सावंत को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। जिसमें तुसाद के प्राचार्य के साथ उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने कहा गया। संयुक्त संचालक ने DEO से रि – इंडिया को अनुमति देने से पहले शासन से या संचालनालय से अनुमति ली गई थी। संचालक ने नोटिस में यह भी कहा उल्लेखित अनुमति यदि आपके (DEO) द्वारा नही दी गई है, तो शासकीय विद्यालयों के प्राचार्य उक्त संस्था द्वारा जारी नियुक्ति पत्र के आधार पर अभ्यर्थियों को कैसे कार्यभार ग्रहण करा रहे हैं। नोटिस के बाद आनन-फानन में DEO ने 17 जनवरी 2025 को सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर रि- इंडिया के लिए दिए गए अनुमति को निरस्त करने का पत्र लिखा। विधानसभा में रि – इंडिया का मुद्दा उठा अकलतरा कांग्रेस विधायक राघवेन्द्र कुमार सिंह ने विधानसभा में मुद्दा उठाया कि NGO को विभाग द्वारा अनुमति या आदेश दिया गया। विधायक ने यह भी प्रश्न उठाए हैं कि कौशल विकास के नाम पर बिना राज्य शासन की अनुमति के NGO द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति की कैसे हुई। महासमुंद DEO मोहन राव सावंत ने छत्तीसगढ़ विधानसभा को दी गई जानकारी में रि- इंडिया को छोड़ 7 NGO पंजीकृत होना बताया गया। कौशल विकास के नाम पर 6 शिक्षकों की नियुक्ति महासमुंद जिले के तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी मीता मुखर्जी के पृष्ठांकन अनुसार की थी। जिसे 17 जनवरी 2025 को निरस्त करने जानकारी दी। लेकिन DEO ने 6 शिक्षकों की ही जानकारी विधानसभा को दी, वहीं महिला शिक्षिका योगेश्वरी बघेल जिसे कार्यभार ग्रहण कराया था, उसकी जानकारी को छिपाए रखा।

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