बिहार विधान परिषद में शुक्रवार को RJD की महिला MLC पर CM नीतीश कुमार भड़क गए। उन्होंने राबड़ी देवी की तरफ इशारा करते हुए कहा- ‘इनके पति डूब गए तो इन्हें मुख्यमंत्री बना दिया।’ दरअसल, विधान परिषद में माले MLC शशि यादव स्कूल से जुड़े सवाल उठा रही थीं। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गुस्सा आ गया और उन्होंने राबड़ी देवी की तरफ इशारा करते हुए ये बातें कह दीं। RJD MLC महिला हिंसा और महिला शिक्षा पर सदन में प्रदर्शन कर रहे थे। RJD की महिला MLC ने महिला शिक्षा पर सवाल उठाए, इसी दौरान CM ने लालू यादव पर हमला बोला। नालंदा में महिला की हत्या और तलवे में कील ठोंकने का मामला गुरुवार से ही विधानमंडल में उठ रहा है। आज भी इसी मुद्दे पर हंगामा हुआ। RJD ने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया विपक्ष के प्रदर्शन से नाराज मुख्यमंत्री अपनी सीट पर खड़े गए। उन्होंने कहा- ‘RJD ने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया है। RJD की सरकार ने शिक्षा के लिए क्या किया, महिलाओं के लिए पहले की सरकार ने कुछ नहीं किया। पहले महिलाएं कहां पढ़ती थीं। प्राथमिक शिक्षा में कुछ पढ़ती थीं उसके बाद महिला नहीं पढ़ती थी। जो किया मैंने किया।’ इसके बाद CM ने शिक्षा मंत्री सुनील कुमार सिंह से कहा कि इन लोगों को सही से जवाब दीजिए। CM ने कुछ गलत नहीं बोला
पूरे वाकये पर RJD MLC सुनील कुमार सिंह ने विधान परिषद सभापति से आग्रह किया कि नीतीश कुमार के बयान को कार्यवाही के हिस्से से बाहर किया जाए। इस पर सभापति ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ भी गलत नहीं कहा है, इसलिए यह प्रोसिडिंग का हिस्सा रहेगी। सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। अब जानिए राबड़ी देवी मुख्यमंत्री कैसे बनी थीं 24 जुलाई 1997 की शाम…पटना हाईकोर्ट ने चारा घोटाला केस में लालू यादव की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। अब गिरफ्तारी लगभग तय थी, CM पद से इस्तीफा देने की मांग उठ रही थी, लेकिन लालू के तेवर गरम थे। उन्होंने कहा, ‘किसी CM को झूठे केस में फंसाकर उसकी सरकार बर्खास्त करने की इजाजत हमारा संविधान नहीं देता है। हम मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे।’ अगले दिन यानी 25 जुलाई की सुबह से लालू के तेवर ठंडे पड़ने लगे। दरअसल, सुबह करीब 8 बजे राज्यपाल एआर किदवई ने फोन करके कहा कि दोपहर तक गिरफ्तारी की पूरी संभावना है। अगर लालू ने फौरन पद नहीं छोड़ा तो उन्हें राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। कुछ देर बाद करीब 9 बजे लालू के सामने राज्य की खुफिया एजेंसियों ने एक रिपोर्ट भेजी। इसमें बताया गया कि गिरफ्तारी के लिए CRPF, RAF और स्थानीय पुलिस को पूरी तरह से अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। करीब 11 बजे लालू को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने भी फोन करके इस्तीफा देने की सलाह दी। अभी लालू अपने करीबी लोगों के साथ चर्चा ही कर रहे थे कि दोपहर 2 बजे कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी ने भी लालू से कुछ बात की। तब तक RAF के जवानों ने मुख्यमंत्री आवास को घेर लिया था। दोपहर 2.30 बजे लालू यादव ने जल्दबाजी में विधायकों की बैठक बुलाई। 40 मिनट की इस बैठक की शुरुआत में ही लालू ने ऊंची आवाज में कहा, ‘हमने राबड़ी को चुन दिया है।’ वहां मौजूद विधायकों ने कहा, ‘जी सर, ठीक ही किए हैं।’ सभी विधायकों को राबड़ी को मुख्यमंत्री बनाने के समर्थन वाले कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया। वरिष्ठ पत्रकार जावेद एम अंसारी ने 1997 में इंडिया टुडे मैगजीन में इस पूरे घटनाक्रम को लिखा है। दोपहर 3.10 बजे लालू राजभवन के लिए निकले और अपना इस्तीफा सौंप दिया। जब लालू राज्यपाल आवास से बाहर आए तो भीड़ ‘राबड़ी देवी जिंदाबाद’ के नारे लगा रही थी। लालू ने भीड़ की तरफ मुड़कर कहा, ‘आप लोग मुझे इतनी जल्दी भूल गए।’ वरिष्ठ पत्रकार संकर्षण ठाकुर अपनी किताब ‘द ब्रदर्स बिहारी’ में लिखते हैं, ‘लालू ने जिस तरह से तमाम बड़े नेताओं को छोड़ राबड़ी देवी को रसोईघर से निकालकर CM पद पर बैठाया, यह बिहार की राजनीति में उनकी मजबूत पकड़ की नुमाइश करता है।’ —————————————– बिहार विधानसभा से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए…. महिला हिंसा पर सदन में हंगामा, नीतीश ने जोड़े हाथ:स्पीकर ने विपक्ष के प्रदर्शन पर ली चुटकी, कहा- महिला पीड़ित ज्यादा हल्ला कर रहे हैं बिहार विधानसभा के बजट सत्र का आज यानी शुक्रवार को छठा दिन है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के विधायकों ने हंगामा किया। महिला हिंसा के खिलाफ विपक्ष के विधायक वेल में आकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान स्पीकर ने कई बार बैठने को कहा, लेकिन वो नहीं माने। जिसके बाद CM नीतीश कुमार ने कहा- ‘जब भी कोई घटना होती है, खबर आती है। तुरंत मैं अपने अधिकारियों से कहता हूं कि देखो क्या हुआ। जो गड़बड़ करेगा उसपर एक्शन होगा।’ पूरी खबर पढ़ें।