पीएचडी चैम्‍बर ने राजस्‍थान की अर्थव्यवस्था पर जारी किया श्‍वेतपत्र:राजस्‍थान की अर्थव्यवस्था 2030 तक 400 बिलियन डॉलर के पार जाने का किया दावां

राजस्‍थान की अर्थव्यवस्था 2030 तक 400 बिलियन अमरीकी डॉलर के पार पहुंच सकती है। पीएचडी चैम्‍बर ने मंगलवार को राजस्‍थान की अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र जारी किया। इस मौके पर पीएचडी चैम्‍बर राजस्‍थान के अध्‍यक्ष दिग्विजय ढाबरिया, वरिष्ठ अर्थशास्त्री डॉ एसपी शर्मा, पूर्व मंत्री बाबूलाल वर्मा, सह-अध्‍यक्ष जितेंद्र सिंह राठौड़, युवा शाखा के संयोजक आयुष्‍मान फलोद, रीजनल डायरेक्‍टर आरके गुप्‍ता और मीडिया हैड अपराजिता मौजूद रहे। पीएचडी चैम्‍बर की रिसर्च ब्यूरो टीम ने राजस्‍थान की अर्थव्यवस्था का गहन अध्ययन किया है। इसके लिए पिछले कई दशक में हुई ग्रोथ की गति को ध्‍यान में रखते हुए भविष्‍य की संभावनाओं का आंकलन किया गया है। डॉ एसपी शर्मा ने बताया कि राजस्‍थान की जीडीपी 6 साल में 30 लाख करोड़ से ऊपर पहुंच जाएगी। प्रतिव्यक्‍ति आय में भी 10 प्रतिशत का इजाफा होने का अनुमान है। निरंतर बुनियादी ढांचे में सुधार, विभिन्न सेक्‍टर में औद्योगिक विकास, उन्नत खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन के लिए बुनियादी सुविधाएं, ऊर्जावान युवा शक्ति राजस्‍थान को देश की प्रमुख अर्थव्‍यवस्‍था बनाने के तैयार है। राजस्‍थान में खासतौर से ईआरसीपी , दिल्‍ली- बडौदा एक्‍सप्रेस वे, पेट्रोकैमिकल जोन, विभिन्‍न सेक्‍टर्स के लिए 9 नई पॉलिसी, निवेश प्रोत्‍साहन के लिए राइजिंग राजस्‍थान का आयोजन, मिनरल और सोलर सेक्‍टर राजस्‍थान के आर्थिक विकास को गति देंगे। डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 26 लाख एमएसएमई हैं, यदि एक इकाई में एक नये व्‍यक्‍ति को रोजगार मिलता है तो प्रदेश में 26 लाख लोगों को नया रोजगार मिलेगा। दिग्‍विजय ढाबरिया ने कहा कि सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए काफी प्रयास किए हैं, इसके साथ यदि कॉस्ट ऑफ डूइंग बिजनेस पर ध्यान दिया जाए तो राजस्‍थान देश के आर्थिक विकास का नेतृत्व कर सकता है। इसमें कॉस्‍ट ऑफ फाइनेंस, इलेक्‍ट्रिसिटी, लॉजिस्‍टिक, लेबर और कम्‍पलाइंसेज शामिल है। इस मौके पर पीएचडी चैंबर की यंग बिजनेस लीडर फोरम की वेबसाइट भी जारी की गई। आज पीएचडी हाउस में फूड प्रोसेसिंग उद्योग पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसमें उद्योग मंत्री राज्‍यवर्धनसिंह राठौड़ शिरकत करेंगे।

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