एग्रो डेस्क | जालंधर लुधियाना स्थित पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी (पीएयू) के किसान मेलों की शृंखला विगत दिवस बल्लोवाल सौंखड़ी (नवांशहर) से शुरू हो गई। इस आयोजन में सैकड़ों किसानों ने हिस्सा लिया। इस मेले का थीम “नई खेती तकनीकें अपनाओ, खर्च घटाओ, झाड़ बढ़ाओ’ पर आधारित रहा। इसमें पीएयू के वाइस चांसलर डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने अपने अध्यक्षीय भाषण में किसानों से आह्वान किया कि वे लचीली फसलों की किस्में चुनें, जरूरत के अनुसार खाद-पानी का इस्तेमाल करें, मिट्टी की जांच करवाएं, सहायक धंधे, स्व-विपणन और मशीनीकरण अपनाएं। वे कृषि इनपुट पर अनावश्यक खर्च में कटौती करें और कृषि कार्यों से संबंधित रबी एवं खरीफ फसलों के लिए पैकेज और अभ्यास (पुस्तकें) जैसे कृषि साहित्य में निवेश करें, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें तथा कृषि आय में वृद्धि हो सके। मेले के मुख्य अतिथि प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक डॉ. जीएस खुश ने जोर दिया कि कंडी क्षेत्र के किसानों को सही मिट्टी में सही फसल उगाने, अपनी आजीविका में सुधार के लिए कृषि उपज का खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग), मूल्य संवर्धन (वैल्यू एडिशन) और स्वविपणन (सेल्फ मार्केटिंग) को प्राथमिकता देनी चाहिए। नागकलां जहांगीर (अमृतसर) के किसान मेले में मामूली बदलाव किया गया है। अब यह मेला 10 मार्च को आयोजित किया जाएगा। फरीदकोट में 11 मार्च को, गुरदासपुर में 13 को, बठिंडा में 18 को, रौनी (पटियाला) में 25 मार्च को किसान मेला लगेगा। लुधियाना स्थित पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी में किसान मेला 21 और 22 मार्च को लगाया जाएगा। बल्लोवाह सौंखड़ी में लगे मेले में डॉ. जी एस खुश, वीसी डॉ. गोसल आदि।