राजधानी में साइबर ठगों के 257 मोबाइल नंबर एक्टिव नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) ने देशभर के 74 जिलों को साइबर ठगी का हॉटस्पॉट बताया है। यह आंकड़ा एक जनवरी से चार मार्च 2025 तक का है। इसके मुताबिक देशभर में हो रही ठगी की घटनाओं में अधिकतर फोन कॉल इन्हीं 74 जिलों से लोगों के पास जाते हैं। इन 74 जिलों में झारखंड के सात तो बिहार के 10 जिले शामिल हैं, जहां साइबर ठगों ने अपना ठिकाना बना रखा है। सूची में पहले नंबर पर हरियाणा का नूह, दूसरे पर राजस्थान का डीग व अलवर, तीसरे पर झारखंड का देवघर है। चौथे स्थान पर राजस्थान का अलवर व पांचवें पर बिहार का नालंदा है। नूह में 4717, डीग में 3463, देवघर में 2604, अलवर में 2295 और नालंदा में 2087 मोबाइल नंबर एक्टिव हैं। इन नंबरों से ही देशभर के लोगों से ठगी की जा रही है। 74 जिलों में जामताड़ा 14वें नंबर पर जामताड़ा कभी साइबर ठगों के लिए बदनाम था। देशभर में यहां से ठगी होती थी। ठगी के मामले में यह पहले स्थान पर था। ऐसा कोई राज्य नहीं होगा, जहां के लोगों को जामताड़ा के साइबर ठगों ने ठगा नहीं होगा। हालात यह था कि यहां रोज अलग-अलग राज्यों की पुलिस आती थी। लेकिन अब साइबर ठगों का गढ़ नहीं रहा। पुलिस अधिकारियों और साइबर एक्सपर्ट की मानें तो जामताड़ा में लगातार कार्रवाई के बाद ठगों ने अपना ठिकाना बदल लिया है। 74 जिलों की सूची में जामताड़ा का 14वां नंबर है। वहीं देवघर टॉप पांच जिलों में तीसरे नंबर पर है। इसके अलावा रांची, दुमका, धनबाद, गिरिडीह और हजारीबाग को भी अब साइबर ठगों ने अपना ठिकाना बना लिया है। बिहार के 10 जिलों में 6607 संदिग्ध मोबाइल नंबर एक्टिव नालंदा 2087, नवादा 2052, पटना 880, शेखपुरा 611, प. चंपारण 198, जमुई 181, गया 178, बांका 156, पू. चंपारण 144, बेगूसराय 120