प्रदेश में 19 साल से बंद सड़क परिवहन निगम के स्थान पर अब राज्य सरकार नए सिरे से यात्री परिवहन सेवा शुरू करने जा रही है। इसको लेकर बुधवार को सीएम डॉ मोहन यादव ने समत्व भवन में मुख्य सचिव अनुराग जैन, परिवहन विभाग के एसीएस एसएनस मिश्रा समेत अन्य अधिकारियों की बैठक ली। सीएम ने इस मुद्दे को अगली कैबिनेट बैठक में लाने के निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगन के बाद जनवरी 2025 में इसकी शुरुआत हो जाएगी। बैठक में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में नवीन यात्री बस सेवा के संचालन में यात्री सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों की आवश्यकता और इंटर सिटी मार्गों के महत्व को ध्यान में रखते हुए बसों का संचालन किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि टिकट बुकिंग, बस ट्रैकिंग जैसे टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म के सभी लाभ यात्रियों को सरलता से प्राप्त हों, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने कहा कि जो बस ऑपरेटर परमिट में तय नियम शर्तों का पालन नहीं कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जाए। सीएम ने कहा कि यात्री सुविधा पर पूरी तरह से फोकस किया जाए। बसों की ट्रैकिंग करने का काम भी किया जाए ताकि लोगों को दिक्कत न हो। शुरुआत आदिवासी अंचल से बताया जाता है कि परिवहन विभाग द्वारा शुरू की जा रही नवीन यात्री बस सेवा सबसे पहले प्रदेश के आदिवासी अंचल से शुरू हो सकती है। इससे इन क्षेत्रों को शहरों से जोड़ने में आसानी होगी। इसके बाद प्रदेश भर के दूसरे क्षेत्रों में भी सरकारी बसों को शुरू किया जाएगा। पहले राज्य परिवहन की बस डीजल से चलती थी। अब इलेक्ट्रिक से चलने वाली नई बसें सड़कों पर उतारने की तैयारी है। ये ईको फ्रैंडली बसें ध्वनि के साथ-साथ वायु प्रदूषण को भी रोकेंगी। छह माह पहले सीएम ने दिए थे तैयारी के निर्देश जून में कैबिनेट बैठक के दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव ने इसे दोबारा शुरू करने को लेकर एक बैठक ली थी। इसमें उन्होंने रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। गौरतलब है कि वर्ष 2005 में सरकार ने सड़क परिवहन निगम बंद कर दिया था। लेकिन तकनीकी रूप से इसे बंद करने का गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं किया था।


