छत्तीसगढ़ की समृद्ध आदिवासी संस्कृति का महोत्सव ‘बस्तर पंडुम 2025’ कल (12 मार्च) से शुरू हो रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर यह आयोजन किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य बस्तर की पारंपरिक कला और संस्कृति को संरक्षित करना है। महोत्सव में सात प्रमुख विधाओं में प्रतियोगिताएं होंगी। इनमें जनजातीय नृत्य, गीत, नाट्य और वाद्ययंत्र शामिल हैं। साथ ही पारंपरिक वेशभूषा, आभूषण, शिल्प-चित्रकला और जनजातीय व्यंजन भी प्रदर्शित किए जाएंगे। तीन स्तरों पर आयोजित होगी प्रतियोगिता प्रतियोगिताएं तीन स्तरों पर आयोजित की जाएंगी। जनपद स्तर पर 12 से 20 मार्च तक, जिला स्तर पर 21 से 23 मार्च तक और संभाग स्तर पर दंतेवाड़ा में 1 से 3 अप्रैल तक प्रतियोगिताएं होंगी। हर स्तर पर विजेताओं को पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। अनुभवी कलाकार होंगे शामिल प्रतिभागियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन मौलिकता, पारंपरिकता और प्रस्तुति के आधार पर किया जाएगा। विजेताओं के चयन के लिए एक विशेष समिति बनाई गई है। इसमें प्रशासनिक अधिकारी, आदिवासी समाज के मुखिया, पुजारी और अनुभवी कलाकार शामिल हैं। स्थानीय कलाकार दिखाएंगे प्रतिभा समाज प्रमुखों, जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ नागरिकों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह महोत्सव बस्तर की समृद्ध लोककला को नई पीढ़ी से जोड़ने का माध्यम बनेगा। साथ ही इससे स्थानीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच मिलेगा।