छत्तीसगढ़ के सरकारी आदिवासी छात्रावासों में 2022 से अब तक 25 बच्चों की मौत हो चुकी है। यह जानकारी सरकार की तरफ से विधानसभा में दी गई है। कांग्रेस विधायकों ने आंकड़े कम बताने का आरोप लगाकर सदन में हंगामा किया। बजट सत्र में बुधवार को कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने बच्चों की मौत का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में बच्चे सुरक्षित नहीं है। जब वो सरकार पर आरोप लगाने लगे तो जवाब में वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि, यह कांग्रेस सरकार के समय की स्थिति है। मंत्री केदार का जवाब सुनकर कांग्रेस विधायकों ने नाराजगी जताई। विधायकों ने कहा कि सही जानकारी छिपाई जा रही है। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सदन की कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया। अब जानिए बच्चों की मौत पर सदन में क्या कुछ हुआ ? विधायक लखेश्वर बघेल के सवाल के बाद मंत्री केदार कश्यप ने जवाब में कहा कि, पूरी जानकारी मैंने दे दी है। 2022-23 से लेकर अभी तक कुल 25 मौतें हुई है। इस पर लखेश्वर बघेल ने कहा कि मेरी जानकारी में बीजापुर की जानकारी छुपाई गई है। इस दौरान कांग्रेस विधायक द्वारकाधीश यादव ने जानकारी गलत देने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। साथ ही लखेश्वर बघेल ने कहा कि यह मामला गंभीर है। आदिवासी मुख्यमंत्री हैं। विभाग के मंत्री भी आदिवासी हैं, लेकिन ठीक से जवाब नहीं दे रहे हैं। केदार कश्यप बोले, ये सब आप लोगों की सरकार थी तब का है। रिसर्च सेंटर में रिसर्च ही नहीं हो रहे- अजय चंद्राकर इसके बाद सदन में अजय चंद्राकर ने उद्यानिकी और वानिकी कॉलेज में रिसर्च सेंटर को लेकर सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि, प्रदेश के 15 महाविद्यालय के नाम में अनुसंधान केंद्र का नाम जुड़ा है। इसमें अब तक क्या अनुसंधान हुए हैं, होते हैं भी की नहीं ? इस पर मंत्री केदार कश्यप ने सदन में जानकारी दी कि, अभी अनुसंधान का काम नहीं हो रहा है। कॉलेज चल रहे हैं। वहीं जवाब में केदार कश्यप ने कहा कि, स्वीकृत पद 692 हैं। भरे गए पद 69 और रिक्त पद 623 हैं। पिछली सरकार ने सिर्फ कॉलेज खोले भर्ती नहीं की। मौजूदा सरकार में 181 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया है। भर्ती की जा रही है। …………………………………………… इससे संबंधित यह खबर भी पढ़िए… छत्तीसगढ़ विधानसभा में जहरीली शराब का मुद्दा उठा: कौशिक ने अफसरों के खिलाफ EOW-ACB जांच की जानकारी मांगी; कार्यवाही 27 फरवरी तक स्थगित छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन जहरीली शराब, भ्रष्टाचार, बिजली कटौती के मुद्दे गूंजे। जहरीली शराब पर विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए वॉकआउट भी किया। लोफंदी गांव में जहरीली शराब पीने से 9 लोगों की मौत हुई थी। पढ़ें पूरी खबर…