विधानसभा परिसर में विपक्षी विधायकों ने की सीबीआई जांच की मांग, सरकार बोली- न्याय होगा

जेएसएससी की सीजीएल परीक्षा रद्द करने और परीक्षार्थियों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर बुधवार को विधानसभा परिसर में कई विधायक उत्तेजित दिखे। विपक्षी विधायकों ने सीबीआई जांच और परीक्षा रद्द करने की मांग की। वहीं, सत्ता पक्ष के विधायकों ने न्याय मिलने की बात दोहराई। मांडू से आजसू विधायक निर्मल महतो विधानसभा के बाहर हाथ में तख्तियां लेकर कुछ देर तक धरने पर बैठे। उन्होंने सरकार से परीक्षा को अविलंब रद्द करने की मांग की। साथ ही, कहा कि हजारीबाग में मंगलवार को जिस तरह परीक्षार्थियों पर लाठीचार्ज हुआ वह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। वर्तमान सरकार छात्रों के प्रति संवेदनशील नहीं है। उधर, जेएलकेएम विधायक जयराम महतो भी इस मुद्दे पर आक्रोशित दिखे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जब भी कोई आंदोलन होता है, तब उसका ठीकरा विपक्ष पर फोड़ दिया जाता है। अब तो दोबारा सरकार बन गई है। सीएम-मंत्री खुद बाहर आकर छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से बात करें। उन्हें संतुष्ट करें। जयराम उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें छात्रों को कुछ राजनीतिक दलों द्वारा आंदोलन के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज में छात्रों के अलावा हमारी पार्टी के प्रत्याशी भी घायल हैं। उनसे मेरी मुलाकात नहीं हुई है। कल तक सदन है, उसके बाद हम उनसे मिलेंगे। समय मिला तो सदन में भी इस मुद्दे को उठाएंगे। जब उनसे यह पूछा गया क मुख्यमंत्री से आपकी बात होने के बाद भी लाठीचार्ज हो गया, तो कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। किसने क्या कहा…. परीक्षा में गड़बड़ी राज्य और देश हित में नहीं : प्रदीप भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद ने कहा- परीक्षा​र्थियों को अब लगता है कि मेहनत करने का फायदा क्या है। परीक्षा में होनेवाली गड़बड़ी राज्य और देश हित में नहीं है। सदन में बात उठेगी, सरकार को समाधान करना चाहिए: सरयू जदयू विधायक सरयू राय ने कहा कि गुरुवार को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण और द्वितीय अनुपूरक पर चर्चा है। इसमें छात्रों और सीजीएल परीक्षा पर भी बात उठेगी। सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में 12 नामजद, सैकड़ों पर केस हजारीबाग | सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी होने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को एनएच 33 के भारत माता चौक पर आंदोलन करने वाले सैकड़ों छात्रों पर मुफस्सिल थाना में केस दर्ज करा गया है। इसमें 12 प्रमुख लोग नामजद बनाए गए हैं। सदर एसडीओ अशोक कुमार के द्वारा आंदोलन में बतौर दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त प्रेम शंकर प्रसाद मामले के सूचक हैं। उन्होंने आंदोलन का परमिशन लेने वाले जेएलकेएम के उदय मेहता, महेंद्र प्रसाद, अमन कुमार, एबीवीपी के प्रभात कुमार व एक कोचिंग संचालक समेत 12 लोगों को नामजद बनाया हैं। इनके अलावा आंदोलन में शामिल सैकड़ों लोगों का उल्लेख किया गया है। एफआईआर में कहा गया है कि शांतिपूर्ण आंदोलन का परमिशन लेने के बाद आंदोलन में पांच सरकारी वाहनों और कई निजी वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया। पुलिस-प्रशासन पर हुआ। एनएच 33 (रांची-पटना) हाईवे को जाम कर दिया गया। हर चीज की सीबीआई जांच जरूरी नहीं: अरूप चटर्जी भाजपा माले विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि हर चीज की सीबीआई जांच जरूरी नहीं है। वैसे भी अब तो नियुक्ति पत्र जारी होने वाला है। हां, जेएसएससी को एक साथ परीक्षा लेनी चाहिए, ताकि त्रुटियां दूर हो और शक की गुंजाइश न रहे। किसी को कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा: सुदिव्य छात्रों के आंदोलन को सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने राजनीति से प्रेरित बताया। कहा-इस आंदोलन के पीछे भाजपा और कुछ दल शामिल हैं। सरकार छात्रों के साथ न्याय करेगी, लेकिन किसी को कानून हाथ में लेने की छूट नहीं देगी। लुईस बोलीं… सबके साथ न्याय होगा: झामुमो विधायक लुईस मरांडी ने कहा कि सदन में हर तरह की समस्या उठनेवाली है। सरकार हर व्यक्ति के साथ न्याय करेगी। बुधवार को निकाले गए कैंडल मार्च में शामिल अभ्यर्थी। परीक्षा रद्द करने और सीबीआई जांच के लिए रांची में कैंडल मार्च निकाला

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