रांची | केंद्रीय धुमकुड़िया भवन में बुधवार को कोल विद्रोह के 193 वर्ष पूरे होने के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। 1831 में 11 दिसंबर को ही कोल विद्रोह शुरू हुआ था। सभा में वीर योद्धाओं के गौरवपूर्ण संघर्ष और उनके बलिदान को याद करते हुए अमर शहीद वीर बुधु भगत, हलदर भगत, गिरधर भगत, बिंदराई मानकी, सिंगराई मानकी, दशई मानकी, सूई मुंडा, नगु पाहन, कोल भूतनाथ, गंगा मानकी, कटिक सरदार, सुरू भगत की तस्वीरों पर फूल-माला चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी गई। मौके पर आदिवासी महासभा के संयोजक देवकुमार धान, फूलचंद तिर्की, बलकू उरांव, नारायण उरांव, बुधवा उरांव, किस्टो सिंह मुंडा, पूरन उरांव, रमेश उरांव व हिंदू मुंडा आदि ने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। साथ ही, उपस्थित लोगों ने जल, जंगल, जमीन के साथ-साथ अपनी संस्कृति, परंपरा और धरोहर को बचाने का संकल्प लिया।