पंजाब में 2015 में हुई बेअदबी मामले की आज (19 दिसंबर) को चंडीगढ़ अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान मामले की जांच कर रही एसआईटी ने आरोपी प्रदीप कलेर को वायदा माफ गवाह बनाने की अपील अदालत से की है। एसआईटी ने इस मामले में एप्लीकेशन मूव की है। प्रदीप कलेर भी अदालत में पेश हुआ था। प्रदीप कलेर को फरवरी 2024 में गुरुग्राम से काबू किया गया था। वह उस समय दर्ज तीनों मामलों में भगोड़ा चल रहा था। नौ जनवरी को मामले की अगली सुनवाई होगी। 2015 का है यह है मामला SIT के आवेदन पर फरीदकोट से यह मामला चंडीगढ़ जिला अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया था। वर्ष 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के तीन अलग-अलग मामलों में SIT को इसकी मुख्य साजिशकर्ता के रूप में तलाश कर रही थी। इसे अदालत ने 2020 में भगोड़ा घोषित कर दिया था। SIT की तरफ से उसको गिरफ्तार करने के लिए चार अलग-अलग टीमों का गठन किया था। इन चारों टीमों ने अलग-अलग राज्यों में छापेमारी के दौरान उसे गिरफ्तार किया था। अदालत में दिए थे बयान आरोपी प्रदीप बरगाड़ी कांड का मुख्य साजिशकर्ता है। इसने चंडीगढ़ जिला अदालत में अपने बयान दिए थे। उसने इस मामले में डेरा प्रमुख राम रहीम और हनी प्रीत सिंह का इस मामले में नाम लिया था। अब आरोपी के वकील की तरफ से अदालत में दलील दी गई है कि SIT की तरफ से उससे जो पूछताछ करनी थी। वह पूछताछ पूरी हो चुकी है। उससे अभी कुछ भी बरामद भी नहीं किया जाना है। ऐसे में उसे सलाखों के पीछे रखना कानून के खिलाफ है। वहीं पंजाब पुलिस की तरफ से दलील दी गई कि आरोपी को जमानत मिलने पर कानून व्यवस्था खराब हो सकती है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद उसे जमानत दे दी है।