जगराओं में किसानों ने पराली जलाने के मामले रद्द करवाने के लिए प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन भारतीय किसान यूनियन एकता डकोदा की अगुवाई में किया गया। किसानों ने सबसे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अच्छे स्वास्थ्य के लिए दो मिनट की प्रार्थना की। जिसके बाद किसानों का जत्था डिप्टी कमिश्नर के ऑफिस के आगे बैठ कर नारेबाजी करने लगा। इस दौरान किसान नेता जगतार सिंह देहडाका ने कहा कि 14 नवंबर को दिए गए मांग पत्र के माध्यम से मांग की गई थी कि धान खरीद मामले में शैलर मालिकों द्वारा लुटे धान को किसानों को वापस लौटाया जाए, धान गिले की आड़ में धान की तय कीमत से कम कीमत देकर की गई लूट की रकम लौटाने के लिए पंजाब सरकार उचित कदम उठाए। पंजाब सरकार से पर्चों को रद्द करने की मांग
देहडाका ने कहा कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है, लेकिन गरीब किसानों के पास संसाधनों की कमी के कारण पराली जलाने की मजबूरी का समाधान ढूंढने की बजाए किसानों पर पर्चे और जुर्माने लगाए गए। उन्होंने पंजाब सरकार से इन पर्चों को रद्द करने की मांग की। उन्होंने सुंडी के कारण सुपर सीडर से बोये गए गेहूं की भारी क्षति का मामला उठाते हुए मुआवजे की मांग की है। केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को भेजा गया नया कृषि ड्राफ्ट वास्तव में पहले काले कृषि कानून को लागू करने की एक नई कॉर्पोरेट कवायद है ।