सीबीआई रेड की पटकथा एक महीने पहले ही लिख दी गई थी। फरवरी में सीबीआई की एक टीम रायपुर जेल में बंद महादेव के आरोपियों से मिलने आई थी। टीम ने ईडी और एसीबी की चार्जशीट के आधार पर कुछ सवाल तैयार किए थे। इस दौरान उन्हें पता चला कि दुबई में 4000 लोग बैठकर आज भी सट्टे का खेल चला रहे हैं। ईओडब्ल्यू ने मार्च 2024 में पेश की गई चार्जशीट में भी इस बात की जानकारी दी थी। इनमें अधिकतर छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। इन लोगों के लिए सौरभ चंद्राकर ने करीब 120 विला खरीद रखे हैं। ये लोग रेड्डी अन्ना बुक, फेयर प्ले जैसे एपल के लिए चेकर्स का काम करते हैं। इन्हें मोबाइल-लैपटॉप और अन्य सुविधाएं मुहैया करने की जिम्मेदारी जिशान रजा, वेदप्रकाश मिश्रा और आदर्श साहनी की है।
इसके अलावा आरोपियों ने सीबीआई को यह भी बताया कि वे 2021 से 2023 तक इस खेल के लिए आईपीएस को हर महीने पैसे देते थे। जो कि तत्कालीन मुख्यमंत्री निवास तक पहुंचते थे। जिस आईपीएस के नाम सीबीआई को मिले, उन्हीं के यहां छापा मारा गया है। जबकि ईओडब्ल्यू की चार्जशीट में न तो अफसरों के नाम हैं और न राजनेताओं के। इसके बाद भाजपा नेता नरेश गुप्ता ने कई बार सीबीआई को पत्र लिखकर इन अफसरों के कारनामे बताए थे। फरवरी में सीबीआई डायरेक्टर को पत्र लिखकर बताया कि किस अधिकारी को, कितने पैसे मिलते थे। इसके बाद ही सीबीआई टीम रायपुर आई। पत्र में बताए गए सभी अफसरों-नेताओं के ठिकानों पर पहुंची। गेमिंग एप से ठगी के नेटवर्क में भिलाई का चंद्राकर, उप्पल समेत कई किरदार महादेव गेमिंग एप से ठगी का पूरा नेटवर्क तैयार करने वाले प्रमुख्य प्रमोटर्स और उनके सहयोगियों की पूरी कुंडली ईओडब्लू के दस्तावेजों मैं कैद है। दैनिक भास्कर के पास जांच एजेंसी के चालान की वो कॉपी मौजूद है जिसमें पूरे नेटवर्क का काला चिट्ठा मौजूद है। भास्कर में पढिए दुबई में बैठकर पूरा नेटवर्क कैसे ऑपरेट किया जा रहा है। नेटवर्क ऑपरेट करने वालों की भूमिका क्या है और किसे क्या जिम्मेदारी दी गई है। जो चालान ईओडब्लू ने कोर्ट में पेश किया है, उसमें पुलिस अधिकारियों के नाम गायब है। चालान में सिर्फ कारोबारी, हवाला कारोबारी, छोटे-मोटे पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है। ये हैं महादेव एप के प्रमुख प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर- भिलाई का रहने वाला है। अभी दुबई से महादेव बुक, रेड्डी अन्ना, फेयरप्ले जैसे ऑनलाइन बैटिंग एप का संचालन कर रहा है। महादेव बुक से जुड़े अतिंम निर्यण यही लेता है।
रवि उप्पल – भिलाई का है। अभी दुबई में है। सौरभ-• -पिंटू का पार्टनर है। मीटिंग में प्रतिनिधित्व करता है।
गौरव सोनी- पिंटू का छोटा भाई। अभी दुबई में है। ये राघव को ऑनलाइन प्लेटफार्म के कामों में सहयोग करता है।
पिंटू उर्फ शुभम सोनी भिलाई का है। अभी दुबई -में रहता है। प्रमुख्य प्रमोटर्स में से एक है। रोज संचालन संबंधित निर्यण लेता है। सट्टे से जुड़े हुए सभी प्रमुख्य लोग इसी को रिपोर्ट करते हैं।
• राघव गौतम – गुजरात का है। दुबई शिफ्ट हो गया है। महादेव बुक हेड ऑफिस के माध्यम से पैनल के वाट्सएप नंबर पर लॉगइन करने के लिए जो ओटीपी दिया जाता है वह ओटीपी राघव गौतम से लेकर रोहित तिर्की पैनल ऑपरेटर को देता है। हर हफ्ते होता है हिसाब-किताब सीबीआई को इनपुट मिले हैं कि दुबई में बैठे 4000 पैनल ऑपरेटर्स का हिसाब-किताब हर महीने होता है। इसमें अकाउंट ग्रुप इन पैनल से आए पैसों में से 25-30 प्रतिशत रकम अपने पास रखकर बाकी हवाला से सौरभ और रवि उप्पल को भेज देते हैं। रायपुर से दुबई जाकर रह रहे चंद्र कुमार रुपवानी की टीम सेटलमेंट का काम करती है। सौरभ ने इस ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए शैल कंपनियां खोल रखी हैं। इसके अलावा वह शेयर में भी पैसे लगा रहा है। सिया इन्फोटेक और स्पोर्टस बज इवेंट मैनेजमेंट जैसी कंपनी इनकी ही हैं। स्पोर्टस बज वहीं कंपनी है जिसने 2022 में आबुधाबी में हुए आईफा अवार्ड को स्पांसर किया था।