झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का आज अंतिम दिन है। सदन अपने निर्धारित समय से शुरू हुआ। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सदन के भीतर भाजपा नेता अनिल टाइगर की हत्या का मामला गरमाया। अभी सदन की कार्यवाही शुरू ही हुई थी कि भाजपा के विधायक वेल तक जा घुसे। जहां उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इस दौरान उन्होंने कानून व्यवस्था को ठीक करने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। बढ़ते हंगामे को देखते हुए स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने सभा की कार्यवाही को 12.55 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। सदन के बाहर विधायकों ने दिया धरना नाराज भाजपा के विधायक सदन की सीढ़ियों पर तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए धरना पर बैठ गए। धरना पर बैठे भाजपा विधायकों का कहना है कि झारखंड में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है और अपराधी बेखौफ हो गए हैं। उनका कहना था कि राज्य में फिर से जंगलराज लौट आया है। भाजपा विधायक पूर्णिमा साहू ने कि सभी विधायक प्रदर्शन कर रहे हैं। विधायकों ने हेमंत सरकार को हत्यारी सरकार बताते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। हत्याकांड ने कानून व्यवस्था की पोल खोली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा के बाहर कहा कि रांची में कांके थाना क्षेत्र से महज 100 मीटर की दूरी पर भाजपा नेता टाइगर अनिल महतो की हत्या ने कानून व्यवस्था को पोल खोल कर रख दी है। रांची पुलिस ने मृत व्यक्ति के चरित्र हनन का जो प्रयास किया, वो अत्यंत शर्मनाक है। प्रदेश के डीजीपी के ऊपर अतिरिक्त कार्य बोझ है। पुलिस की प्राथमिकता जनता की सुरक्षा करना नहीं, बल्कि अपराधियों को संरक्षण देना है। अपराधियों को लग रहा सत्ता का संरक्षण मिला है विधायक चंपाई सोरेन ने कहा कि प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मद्देनजर हम विधानसभा गेट पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लगातार घट रही आपराधिक वारदातों को देख कर ऐसा लगता है मानो झारखंड में अपराधियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। भाजपा केंद्र सरकार से प्रदेश की इस निकम्मी सरकार को हटाकर यहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करती है। सरकार को बदनाम करने की साजिश वहीं, सत्ता पक्ष ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। रांची के विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि स्पीकर को हत्यारी सरकार का संरक्षण देना बंद करना चाहिए।