भाजपा के ग्रामीण जिला महामंत्री इंद्रजीत कुमार अनिल उर्फ अनिल टाइगर की हत्या के विरोध में गुरुवार को रांची बंद रही। दुकानों पर ताले लटके रहे। ऑटो, ई-रिक्शा और सिटी बसें सड़क से गायब रहीं। स्कूलों ने भी पहले ही छुट्टी घोषित कर दी थी। इस मुद्दे पर सड़क से लेकर सदन तक आक्रोश दिखा। भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस्तीफा मांगा। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने और अनिल के हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग की। इस हत्या के विरोध में भाजपा और आजसू ने रांची बंद का आह्वान किया था, लेकिन राज्य के कई इलाकों में इसका असर दिखा। जगह-जगह घंटों तक जाम रहा। राजधानी रांची और आसपास के इलाकों में बंद समर्थक सुबह आठ बजे ही सड़क पर उतर आए। सड़क पर टायर जलाकर और बांस-बल्ली लगाकर जाम कर दिया। जिस कांके चौक पर अनिल टाइगर की बुधवार शाम गोली मारकर हत्या की गई थी, वहां करीब 24 घंटे तक जाम रहा। हत्या के बाद ही शाम पांच बजे लोगों ने वहां जाम लगा दिया था, जिसे पुलिस ने गुरुवार शाम पांच बजे हटवाया। बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा। रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बंद समर्थकों ने नहीं रोका। एंबुलेंस और आवश्यक सेवाओं को भी मुक्त रखा गया था। दुकानदारों ने खुद ही अपनी दुकानें बंद रखकर बंद का समर्थन किया। इससे गली-मुहल्लों की कई दुकानें खुली रहीं। ईद को लेकर डेली मार्केट से लेकर एकरा मस्जिद तक की दुकानें खुली रहीं। चर्च रोड और कर्बला चौक की दुकानों में भी लोग ईद की खरीदारी करते दिखे। हालांकि सड़क पर लोग कम ही निकले। खटंगा मुक्तिधाम में हुआ अनिल टाइगर का अंतिम संस्कार, पिता ने दी मुखाग्नि पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार दोपहर करीब एक बजे अनिल का खटंगा मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। पिता महेश महतो ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान भारी भीड़ उमड़ी। इससे पहले कई नेता वहां पहुंचे और अनिल को श्रद्धांजलि दी। इनमें केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, पूर्व सीएम रघुवर दास, पूर्व डिप्टी सीएम सुदेश महतो, वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, मंत्री संजय यादव, पूर्व विधायक रामटहल चौधरी, जीतू चरण राम, विधायक ममता देवी, राजेश कच्छप, जयराम महतो और योगेंद्र प्रसाद महतो शामिल थे। इस बार कैंप जेल नहीं, अलग-अलग थाने में लाकर रखे गए बंद समर्थक हिरासत में लिए गए बंद समर्थकों को इस बार कैंप जेल में नहीं, बल्कि अलग-अलग थाने में रखा गया। पुंदाग ओपी में 20 से अधिक बंद समर्थक रखे गए तो धुर्वा थाने में भी 25 से अधिक बंद समर्थक लाए गए थे। डोरंडा थाने में 20, नगड़ी थाने में 20 और जगन्नाथपुर थाने में भी 15 बंद समर्थक हिरासत में रखे गए थे। इसके अलावा कोतवाली, अरगोड़ा, लालपुर और लोअर बाजार थाने में भी कुछ बंद समर्थकों को हिरासत में रखा गया था, जिन्हें देर शाम छोड़ा गया। प्रतुल शाहदेव, भैरव सिंह व देवेंद्र महतो सहित 130 बंद समर्थक हिरासत में बंद के दौरान रांची से 130 से अधिक बंद समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में लिया, जिन्हें देर शाम छोड़ दिया गया। सुबह करीब आठ बजे बंद कराने निकले भाजपा नेता प्रतुल शाहदेव को अरगोड़ा थाने की पुलिस ने हिरासत में लिया। वहीं बंदी शुरू होने से पहले गुरुवार अहले सुबह कोतवाली पुलिस ने हिंदू नेता भैरव सिंह को उनके आवास से हिरासत में ले लिया और थाने ले गई। वहीं अल्बर्ट एक्का चौक के पास बंद कराने निकले छात्र नेता देवेंद्र महतो को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हत्याकांड के विरोध में विपक्षी विधायक विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे। उन्होंने मुख्यमंत्री से तत्काल इस्तीफा देने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। अनिल हत्याकांड में पुलिस का एक्शन विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे विपक्षी विधायक सड़क पर उतरे बंद समर्थक, सरकार के खिलाफ नारे एयरपोर्ट-रेलवे स्टेशन जाने वालों को नहीं रोका
कई दुकानदारों ने खुद ही अपनी दुकानें बंद रखीं
एंबुलेंस और आवश्यक सेवा भी बंद से मुक्त रहीं
आह्वान था रांची बंद का, दूसरे जिलों में भी असर रहा पुलिस ने अब तक सात संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इन सभी से पुलिस पूछताछ कर रही है। एसआईटी गठित, मुख्य शूटर की तलाश में कांके, रातू, पुंदाग और लोहरदगा में कई जगह छापे मारे। मृतक की पत्नी की शिकायत पर कांके थाने में दो पर केस, कांके पुलिस की शिकायत पर पिठौरिया में एफआईआर।