रांची स्टेशन पर गुरुवार को रांची बंद का असर काफी ज्यादा दिखा। दूर-दराज से आने वाले पैसेंजर स्टेशन नहीं पहुंच पाए। नतीजतन, कई यात्रियों की ट्रेनें छूट गईं। ऑटो व कैब से भी पैसेंजर स्टेशन नहीं पहुंच सके। रेलवे की सीनियर डीसीएम शुचि सिंह ने बताया कि बंद का काफी ज्यादा असर रहा। पैसेंजर फ्लो काफी कम था। पिछले गुरुवार की तुलना में 27 मार्च को करीब 5000 यात्री कम पहुंचे। वहीं, रातू रोड में बंद समर्थकों ने जब लोगों को जाने से रोका तो उनमें बहस होने लगी। समर्थक आगे नहीं जाने की अपील कर रहे थे, जबकि लोगों का कहना था कि जरूरी है, इसलिए घर से बाहर आए हैं। रांची स्टेशन पर नहीं पहुंच पाए यात्री, रातू रोड में बंद समर्थकों से भिड़े लोग केंद्रीय मंत्री संजय सेठ ने सड़क पर बैठकर जताया विरोध, नारेबाजी भी दोपहर 12:40 बजे के बाद अलबर्ट एक्का चौक पर पसरा रहा सन्नाटा कांके रोड में बंद समर्थकों ने रोका तो फूट-फूट कर रोने लगी महिला मेन रोड, हरमू व अरगोड़ा में बंद का आंशिक असर, कई दुकानें रहीं खुली भाजपा कार्यकर्ताओं ने पिस्का मोड़ से कचहरी चौक तक सड़क जाम कर दी। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ भी पहुंचे और कार्यकर्ताओं संग बीच सड़क पर बैठकर अपना विरोध जताया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं, पंडरा बाजार समिति में सभी दुकानें गुरुवार सुबह से ही बंद रहीं। आलू- प्याज मंडी की दुकानें भी बंद थीं। पंडरा बाजार समिति में कोई भी क्रेता रांची व आसपास के क्षेत्रों से नहीं पहुंचा। मालवाहक गाड़ियां भी खड़ी रहीं। मजदूर एक जगह जमा होकर गपशप कर रहे थे। व्यापारियों के समूह में भी अनिल टाइगर की हत्या के मामले की ही चर्चा थी। आम दिनों में अलबर्ट एक्का चौक पर सुबह 10 बजे जाम की स्थिति रहती है। लेकिन, गुरुवार को सन्नाटा पसरा रहा। हाथ में झंडा लिए बंद समर्थक पहुंचे, पर मेन रोड की अधिकांश दुकानें पहले से ही बंद दिखी। हनुमान मंदिर से एकरा मस्जिद तक दुकानें खुली दिखी। बंद समर्थकों ने निजी वाहनों से आने जाने वालों से अनुरोध किया कि वे बंद का समर्थन करें। हालांकि कोई जोर जबरदस्ती नहीं की गई। अलबर्ट एक्का चौक पर वाटर कैनन, वज्र वाहन, फायर ब्रिगेड के एक वाहन सहित बड़ी संख्या में पुलिस के अधिकारी व जवान तैनात दिखे। सीएमपीडीआई कटिंग, कांके रोड में सुबह 11:10 बजे बीच सड़क पर बांस-बल्ली आैर स्लाइडर लगाकर बंद समर्थकों ने वाहनों का परिचालन रोक दिया। हाथ में भाजपा का झंडा लिए बंद समर्थक बीच सड़क पर टायर जलाकर सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी करते रहे। वे किसी वाहन सवार को आगे नहीं जाने दे रहे थे। इस दौरान एक दोपहिया पर सवार महिला रोने लगी। वो बोली- जाना जरूरी है, इसलिए घर से बाहर आई हूं। उसने काफी मिन्नतें की, पर बंद समर्थकों ने आगे जाने नहीं दिया। 2 घंटे तक बंद समर्थक बीच सड़क पर ही जमे रहे। दोपहर 1:30 बजे के बाद वाहनों का परिचालन शुरू हुआ। मेन रोड में डेली मार्केट से अंजुमन प्लाजा तक ईद का बाजार सजा था। यहां सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस जवान तैनात थे। दुकानदारों ने कहा कि दो से तीन दिनों में ईद है, इसलिए दुकान लगाई है, लेकिन सन्नाटा रहा। ग्रामीण क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में खरीदारी के लिए पहुंचते हैं, लेकिन रांची बंद की वजह से नहीं आए। वहीं, हरमू रोड में दोपहर 12.30 बजे बंद का मिला-जुला असर नजर आया। कुछ दुकानें खुली थीं, तो कुछ बंद नजर आईं। वहीं, अरगोड़ा चौक से अशोक नगर की ओर व पुराना अरगोड़ा की ओर जाने वाली सड़क पर दोपहर 1.00 बजे बंद का मिला-जुला असर दिखा।