भास्कर न्यूज |लुधियाना नगर निगम जोन ए क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों का निर्माण जारी है, जबकि नगर निगम ने कई बार अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की है। एक ओर जहां नगर निगम टीम ने अवैध कॉलोनियों पर दो बार पीला पंजा चलाकर कार्रवाई की थी। एक 15 दिन पहले और दूसरा 10 दिन पहले पीला पंजा चलाकर कॉलोनियों को तोड़ा था। खास बात यह है कि यह बुड्ढा नाला के ऊपर है। इस पर पहले खेती हुआ करती थी, जिसको राजनीतिक लोगों की पहुंच वाले लोग कॉलोनी बनाने में लगे हैं। इसको बनाने की परमिशन निगम की ओर से नहीं दी जा रही है। यहां पर नगर निगम ने अवैध कॉलोनी के नाम से यहां नोटिस भी चिपका रखा है। इसके बावजूद कॉलोनाइजर ने राजनीतिक सपोर्ट के चलते फिर से उन कॉलोनियों में चारदीवारी और सीवरेज डाल दिया है, जिनको निगम ने तोड़ दिया था। इसके बावजूद, नगर निगम द्वारा दिए हुए नोटिस और कार्रवाई को दरकिनार करते हुए अवैध निर्माण चालू हो गया है। सिर्फ कॉलोनियों तक ही यह समस्या सीमित नहीं है, बल्कि लुधियाना के विभिन्न हिस्सों में अवैध बिल्डिंग्स का निर्माण भी हो रहा है। काराबारा चौक में दो अवैध इमारतों का निर्माण किया जा रहा है। वहीं मन्ना सिंह नगर में दो अन्य अवैध इमारतों का निर्माण जारी है। यह बिल्डिंग्स 10 दिन पहले सील की गई थी, लेकिन नगर निगम की टीम द्वारा की गई कार्रवाई के बावजूद वे फिर से निर्माणाधीन हो गईं। यह स्थिति यह दिखाती है कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई के बाद भी इन बिल्डिंग्स पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, और कुछ दिनों बाद ये फिर से तैयार हो जाती हैं। नागरिकों की शिकायतों और नगर निगम के खिलाफ बढ़ते सवालों के बीच, नगर निगम की निरीक्षक गुरप्रीत कौर से बात की गई। उनका कहना था कि किसी भी अवैध इमारत को बनने नहीं दिया जाएगा, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि फिर से अवैध कॉलोनी की दीवार बन गई है और सीवरेज डाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। यह प्रतिक्रिया नगर निगम की निष्क्रियता को दर्शाती है, क्योंकि पहले भी इन अवैध निर्माणों को लेकर कार्रवाई के बावजूद स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। जब इस मामले को लेकर एडिशनल कमिश्नर परमदीप सिंह से संपर्क किया गया, तो उन्होंने भी यही दावा किया कि कोई भी अवैध बिल्डिंग बनने नहीं दी जाएगी। बावजूद इसके, घटनाओं से यह स्पष्ट है कि प्रशासनिक कार्रवाई में ढील के कारण अवैध निर्माणों की समस्या जस की तस बनी हुई है। वहीं, लोगों का कहना है कि इस तरह निगम के निर्देशों की अवहेलना होती रहेगी तो इन अवैध कॉलोनियों पर कौन कार्रवाई करेगा।