छात्र से प्रोफेसर अधिक…पीजी बांग्ला में 2 स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए तीन प्रोफेसर और छह जेआरएफ

रांची यूनिवर्सिटी में एक ओर अधिकांश विषयों में शिक्षक की भारी कमी है, जिसका सीधा असर एकेडमिक कार्यों पर पड़ रहा है। विवि की पहल पर शिक्षक को अपने के अलावा दूसरे कॉलेजों में जाकर कक्षाएं लेनी पड़ रही है। वहीं दूसरी ओर कुछ विषयों में एडमिशन लेने वाले छात्रों से अधिक प्रोफेसर की संख्या है। वहीं ऊपर से जूनियर रिसर्च फैलोशिप (जेआरएफ) हैं। यानि पढ़ने वाले से पढ़ाने वालों की संख्या अधिक है। पीजी बांग्ला विभाग में स्नातकोत्तर (सेशन 2024-26) में सिर्फ सिर्फ दो छात्रों ने एडमिशन लिया है। वहीं इस विभाग में तीन शिक्षक और 6 प्रोफेसर हैं। एक छात्र को पढ़ाने के लिए एक से अधिक शिक्षक हैं। दो छात्रों के लिए क्लास रुटीन भी है। कक्षाएं भी संचालित की जाती है। शनिवार को पीजी बांग्ला विभाग में स्टूडेंट्स नहीं आए इसलिए क्लास नहीं चली। विभाग की एचओडी समेत अन्य शिक्षकों के पास ऑफिशियल वर्क के अलावा और कोई कार्य नहीं था। वहीं पीजी होम साइंस विभाग में सात विवि शिक्षक है। इस विभाग में जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) भी हैं। लेकिन शनिवार की दोपहर 12.30 बजे ताला लटका था। विभाग के बाहर बरामदे में एक रिसर्च स्कॉलर गेट खुलने का इंतजार रही थी। वहीं इस बिल्डिंग में राजनीति विज्ञान, इकोनॉमिक्स समेत अन्य विभाग अन्य दिनों की तरह खुला था। लेकिन स्टूडेंट्स कम आए थे। .पीजी फिलॉस्फी : इस विभाग में छह शिक्षक हैं, जिसमें एक रक्षा विवि में रजिस्ट्रार हैं। इसके अलावा 11 जेआरएफ हैं। यानि इस विभाग में पढ़ाने वालों की 16 है। जबकि सेशन 2024-26 में सिर्फ 13 स्टूडेंट्स हैं। एचओडी डॉ. अजय कुमार सिंह बताते हैं कि शिक्षकों के प्रयास से यह एडमिशन संभव हो सका है। . पीजी होम साइंस : इस विभाग में सात विवि शिक्षक हैं। वहीं 11 जेआरएफ कर रहे रिसर्च स्कॉलर हैं। यानि स्टूडेंट्स को पढ़ाने वाले की संख्या 18 है। लेकिन सेशन 2024-26 में सिर्फ 10 स्टूडेंट्स ने दाखिला लिया है। एचओडी डॉ. किरण कुमारी ने बताया कि राय विवि के सेमिनार में हूं। इसकी सूचना वाट्सअप ग्रुप में भी डाल दी थी। . पीजी बांग्ला : इस विभाग में तीन विवि शिक्षक है। वहीं जेआरएफ कर रहे 6 स्कॉलर हैं। यानि इस विभाग में पढ़ाने वालों की संख्या 9 है। जबकि स्टूडेंट सिर्फ दो हैं। यानि एक स्टूडेंट के लिए चार से भी अधिक पढ़ाने वाले हैं। विभाग की एचओडी डॉ निवेदिता सेन बताती हैं कि विभिन्न कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई हो रही है। इसलिए स्टूडेंट नहीं मिल रहे हैं। इन तीन मामलों से समझें- पढ़ने से अधिक पढ़ानेवाला स्टूडेंट्स से अधिक रिसर्च स्कॉलर : पीजी के कई विषयों में सेशन 2024-26 में एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या से अधिक रिसर्च करने वाले रिसर्च स्कॉलर हैं। उदाहरण स्वरुप पीजी के बांग्ला, फिलॉस्फी और होम साइंस में सेशन 24-26 में 25 छात्रों ने एडमिशन लिया है। जबकि इन तीन विभागों में 20 जेआरफ स्कॉलर हैं। इसके अलावा दर्जनभर से अधिक अभ्यर्थी पीएचडी रिसर्च कर रहे हैं।

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