जब तक सूर्य मीन राशि में रहते हैं, तब तक विवाह आदि शुभ कार्य वर्जित होते हैं: पं. गोल्डी शर्मा

खरमास को लेकर ज्योतिषाचार्य राधे श्याम और पंडित सोहन लाल शास्त्री का कहना है कि इन दिनों में ग्रहों की नकारात्‍मक ऊर्जा प्रभावशाली रहती है। इसलिए कोई भी शुभ कार्य इस वक्‍त संपन्न नहीं किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य जब मीन राशि में या फिर धनु राशि में होते हैं तो उनकी ऊर्जा काफी कम होती है और ऐसा कहा जाता है कि शुभ कार्य के संपन्न होने के लिए सूर्य का तेजस्वी होना जरूरी होता है। सूर्य 13 अप्रैल को उच्च‍ राशि मेष में आकर आदित्‍य योग बनाएंगे और उनकी सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होगी। अप्रैल महीने में विवाह का पहला मुहूर्त 14 अप्रैल है। उसके बाद 15, 16, 18, 19, 20 और 21 अप्रैल को शादियां होंगी। इसके बाद 25, 29 और 30 को शादी का मुहूर्त है। 30 को अक्षय तृतीया का मुहूर्त है। अक्षय तृतीया विवाह के लिए शुभ मुहूर्त में से एक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं। इस अवधि में विवाह और अन्य शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। इस बार 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी पड़ रही है। जिसके बाद भगवान विष्णु चार महीने तक विश्राम करेंगे। 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी समाप्त होगी। इन चार महीनों को चातुर्मास कहा जाता है, जो धार्मिक दृष्टि से विशेष होता है। इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है। इस दौरान शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य करना ज्योतिषीय नियमों के अनुसार वर्जित होता है। .मई: 1, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 28 . जून: 1, 2, 4, 5, 6, 7, 8 . नवंबर: 21, 22, 23, 24, 25, 26, 30 . दिसंबर: 1, 4, 5, 6 भास्कर न्यूज | अमृतसर सूर्य के मेष राशि में गोचर के साथ ही 13 अप्रैल को खरमास समाप्त हो जाएगा। इसके बाद 14 अप्रैल से फिर शहनाइयां बजेंगी और शादी-विवाह समेत अन्य मांगलिक कार्य फिर से आरंभ हो जाएंगे। होली के बाद खरमास 14 मार्च से आरंभ हुआ था। अब पूरे एक महीने के अंतराल के बाद खरमास का समापन हो जाएगा। खरमास के समाप्त होने में अब मात्र एक सप्ताह बाकी बचा है। पंडित सुनील दत्त और गोल्डी शर्मा के मुताबिक खरमास में ग्रहों की अशुभ दशा की वजह से कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। जब तक सूर्य मीन राशि में रहते हैं तब तक शादी विवाह आदि शुभ कार्य नहीं होते। उसके बाद सूर्य के मेष राशि में आने पर खरमास समाप्त हो जाते हैं और फिर से शुभ मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं। सूर्य 13 अप्रैल को अपनी उच्च‍ राशि मीन में गोचर करेंगे, जबकि‍ उसके अगले दिन 14 अप्रैल को फिर से शादियों की शहनाइयां बजने लगेंगी ।

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