शराब घोटाला केस….कवासी की न्यायिक रिमांड बढ़ी:25 अप्रैल तक जेल में रहेंगे, पूर्व मंत्री ने कहा था-गरीब आदमी को सरकार परेशान कर रही

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को न्यायिक रिमांड में भेजा गया है। लखमा 25 अप्रैल तक जेल में रहेंगे। इसके पहले वे दो बार EOW के रिमांड में थे, जहां अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की। रिमांड खत्म होने के बाद EOW ने स्पेशल कोर्ट में पेश किया। जहां मामले की सुनवाई हुई। इससे पहले, लखमा को प्रोडक्शन वारंट पर लेने के लिए EOW ने आवेदन लगाया था। जिसके बाद 7 अप्रैल को सुनवाई के बाद कोर्ट ने कवासी लखमा को 11 अप्रैल तक कस्टोडियल रिमांड पर भेजा था। अधिकारियों ने लखमा से 4 दिन तक पूछताछ की थी। अब इन्हें न्यायिक रिमांड में भेजा गया है। सरकार मुझे परेशान कर रही- लखमा पिछली सुनवाई के दौरान कवासी लखमा ने कोर्ट के बाहर मीडिया से कहा था कि, मैं गरीब आदमी हूं। बस्तर की आवाज विधानसभा में उठाता हूं। जनता की आवाज और बस्तर की आवाज उठाने पर सरकार मुझे परेशान कर रही है। मैं निर्दोष हूं। बता दें कि लखमा 16 जनवरी 2025 से जेल में बंद हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के घर भी पड़ा था छापा छत्तीसगढ़ के 2161 करोड़ के शराब घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बाद ED ने 10 मार्च को पूर्व सीएम भूपेश बघेल, उनके करीबी नेताओं और कारोबारियों के 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सुबह 7 बजे से शुरू हुई जांच शाम 6 बजे तक 11 घंटे चली। करीब 20 ईडी अफसरों की टीम CRPF के जवानों के साथ सीधे पदुम नगर स्थित पूर्व मुख्यमंत्री के निवास में कार्रवाई चली और टीम शाम 6 बजे टीम लौट गई थी। ED का आरोप- लखमा सिंडिकेट का अहम हिस्सा थे ED का आरोप है कि, पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। लखमा के निर्देश पर ही सिंडिकेट काम करता था। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। वहीं, शराब नीति बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे छत्तीसगढ़ में FL-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। ED का दावा है कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रही गड़बड़ियों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया। कमीशन के पैसे से बेटे का घर बना, कांग्रेस भवन निर्माण भी ED के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि, 3 साल शराब घोटाला चला। लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपये मिलते थे। इस दौरान 36 महीने में लखमा को 72 करोड़ रुपये मिले। ये राशि उनके बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में लगे। ED ने कहा था कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। शराब सिंडिकेट के लोगों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई भरी गई। घोटाले की रकम 2161 करोड़ निदेशालय की ओर से लखमा के खिलाफ एक्शन को लेकर कहा गया कि, ED की जांच में पहले पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था। इस घोटाले की रकम 2161 करोड़ रुपए है। जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी से हर महीने कमिशन मिला है। 2019 से 2022 के बीच चले शराब घोटाले में ED के मुताबिक ऐसे होती थी अवैध कमाई। FL-10 लाइसेंस क्या है ? FL-10 का फुल फॉर्म है, फॉरेन लिकर-10। इस लाइसेंस को छत्तीसगढ़ में विदेशी शराब की खरीदी की लिए राज्य सरकार ने ही जारी किया था। जिन कंपनियों को ये लाइसेंस मिला है, वे मैन्युफैक्चर्स यानी निर्माताओं से शराब लेकर सरकार को सप्लाई करते थे। इन्हें थर्ड पार्टी भी कह सकते हैं। खरीदी के अलावा भंडारण और ट्रांसपोर्टेशन का काम भी इसी लाइसेंस के तहत मिलता है। हालांकि इन कंपनियों ने भंडारण और ट्रांसपोर्टेशन का काम नहीं किया। इसे बेवरेज कॉर्पोरेशन को ही दिया गया था। इस लाइसेंस में भी A और B कैटेगरी के लाइसेंस धारक होते थे। घोटाले की रकम 2100 करोड़ से ज्यादा लखमा के खिलाफ एक्शन को लेकर निदेशालय की ओर से कहा गया कि जांच में पहले पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था। इस घोटाले की रकम 2100 करोड़ रुपए से ज्यादा है। 2019 से 2022 के बीच चले शराब घोटाले में ED के मुताबिक ऐसे होती थी अवैध कमाई। ……………………………………….. इससे संबंधित यह खबर भी पढ़िए… MP की शराब बोतल में छत्तीसगढ़ आबकारी की सील: डोंगरगढ़ में 27 लाख की अवैध शराब पकड़ाई; कोचियों को होती थी सप्लाई छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ से 27 लाख की अवैध शराब पकड़ाई है। ये शराब मध्यप्रदेश से लाई गई थी। बताया जा रहा है कि MP की शराब बोतल में छत्तीसगढ़ आबकारी की सील और होलोग्राम लगाकर कोचियों को सप्लाई होती थी। पढ़ें पूरी खबर…

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *