कांग्रेस में निष्क्रिय पदाधिकारियों पर कार्रवाई की शुरुआत NSUI से:61पदाधिकारियों को हटाया गया, 16 को कारण बताओ नोटिस जारी

कांग्रेस में निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाने की कवायद स्टूडेंट विंग NSUI से शुरू हो गई है। रायपुर जिला अध्यक्ष ने संगठन में निष्क्रिय पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 61 लोगों को पद से हटा दिया है। इसके अलावा 16 अन्य कार्यकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। ये फैसला हाल ही में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन के निर्देशों के तहत लिया गया, जिसमें साफ कहा गया था कि जो लोग काम नहीं करना चाहते, उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए या घर बैठ जाना चाहिए। वजह सिर्फ एक – संगठन में रहकर भी कुछ नहीं कर रहे थे। NSUI रायपुर जिला अध्यक्ष शांतनु झा ने बताया कि ये फैसला सिर्फ़ इसलिए लिया गया है क्योंकि कई लोग लंबे वक्त से संगठन की गतिविधियों से दूर हैं। हाल ही में जब NSUI का स्थापना दिवस मनाया गया, तब भी कई पदाधिकारी नदारद रहे। इससे साफ हो गया कि कुछ लोग सिर्फ नाम के लिए पद पर हैं, न तो काम कर रहे हैं और न ही संगठन को समय दे रहे हैं। शांतनु ने साफ कहा, “NSUI कोई टाइमपास करने की जगह नहीं है। ये मंच उन युवाओं का है जो विचारधारा के लिए, स्टूडेंट्स की आवाज़ बनने के लिए काम करते हैं। जो लोग सिर्फ फोटो खिंचवाने और सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने के लिए संगठन से जुड़े हैं, अब उनका टाइम ओवर हो गया है।” उन्होंने ये भी कहा कि ये कार्रवाई किसी से दुश्मनी में नहीं की गई है। ये कदम पूरी तरह संगठन की सफाई और एक्टिव लोगों को आगे लाने के मकसद से लिया गया है। जिन लोगों को नोटिस दिया गया है, उन्हें अपना जवाब देने का आखिरी मौका दिया गया है। अगर जवाब ठोस नहीं हुआ, तो वो भी बाहर होंगे। अब NSUI में सिर्फ मेहनती लोग ही टिक पाएंगे NSUI की इस कार्रवाई से संगठन में हलचल तो मच ही गई है, लेकिन दूसरी तरफ बहुत से जमीनी कार्यकर्ताओं को इससे राहत भी मिली है। एक कार्यकर्ता ने कहा, हम लोग जो हर मीटिंग, हर प्रोग्राम में शामिल होते हैं, मेहनत करते हैं। अब हमारी अहमियत बढ़ेगी। बहुत से लोग तो सालभर गायब रहते हैं, लेकिन हर फोटो में सामने दिखते थे। अब वो सिस्टम खत्म हो गया। NSUI रायपुर ने एक लाइन में सबको साफ संदेश दे दिया है – “अब पद नहीं, परिश्रम चलेगा। ”यानि जो एक्टिव रहेगा, वही संगठन में रहेगा।। आने वाले समय में और भी बदलाव होंगे ताकि रायपुर NSUI एक मजबूत, डिसिप्लिन और एक्टिव टीम के रूप में सामने आ सके। ये एक तरह से कांग्रेस के उस राष्ट्रीय मैसेज का लोकल वर्जन है जिसमें कहा गया था जो काम नहीं करना चाहते, वो आराम करें या रिटायर हो जाएं। अब देखना ये होगा कि बाकी जिलों में भी इसी तरह की सफाई शुरू होती है या नहीं।

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