बीकानेर में हर साल इंडियन प्रीमियर लीग में करोड़ों रुपए का सट्टा लगता है। पुलिस हर बार सटोरियों को पकड़ती है। लाखों की नकदी और करोड़ों रुपए का हिसाब बरामद होता है, लेकिन इस बार सीजन, 25 में पुलिस के हाथ खाली हैं। बीकानेर में क्रिकेट सट्टा करने वाले पुलिस के हाथ नहीं लग रहे हैं। बीकानेर क्रिकेट सट्टे की बड़ी मंडी माना जाता है। यहां क्रिकेट सटोरियों को आईपीएल सीजन का बेसब्री से इंतजार रहता है। सीजन शुरू होने से पहले वे होटल, मकान, फार्म हाउस व अन्य सुरक्षित जगहों पर अपनी जाजम बिछा लेते हैं। पुलिस सटोरियों को पकड़ती भी है और आरपीजीओ के अलावा आईपीसी के अलग-अलग सेक्शन में मुकदमे दर्ज करती है। बीकानेर जिले में पिछले तीन सालों में आईपीसी की धाराओं में आठ मुकदमे दर्ज कर 30 लोगों को और आरपीजीओ में चार केस दर्ज कर 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस दौरान सटोरियों से उनकी डायरी और मोबाइल में करोड़ों रुपए का हिसाब मिला और लाखों रुपए की बरामद की गई। पुलिस ने सभी मामलों में कोर्ट में चालान पेश कर दिया जिनकी सुनवाई चल रही है। इस बार आईपीएल के सीजन, 25 में 74 में से 26 मैच हो चुके हैं, लेकिन पुलिस क्रिकेट सटोरियों को नहीं पकड़ पा रही है। सटोरियों के हाईटेक होने के कारण पुलिस के लिए उन्हें पकड़ना मुश्किल हो रहा है। क्रिकेट सट्टा करने वाले कहीं भी आते-जाते मोबाइल पर मैच देखकर दांव लगा जाते हैं। बुकी सेफ जगह पर बैठते हैं जिसके बारे में पुलिस को पता नहीं चल पाता। बुकियों की लाइन मुंबई, दिल्ली और दुबई व अन्य देशों तक जुड़ी होती है। आईपीएल के पिछले सीजन में पकड़े गए क्रिकेट सट्टे में यह उजागर भी हो चुका है। बीकानेर रेंज के हनुमानगढ़ में सबसे ज्यादा क्रिकेट सट्टा हुआ। तीन सालों में चूरू में एक भी केस क्रिकेट सट्टे का आईपीसी की धाराओं में दर्ज नहीं हुआ। हालांकि, आरपीजीओ में मुकदमे दर्ज हुए और माल भी बरामद किया गया है।