भीलवाड़ा साइबर ठगों ने बैंककर्मी बनकर खाते की डिटेल लेने के बाद शहर के मेडिकल कॉलेज प्रोफेसर के बैंक खाते से 23 लाख रुपए उड़ा लिए। ठगी का पता चलने पर थाने में शिकायत करने पहुंचे दंपती बेसुध हो गए। धोखाधड़ी की लाइव वारदात देख साइबर थाना पुलिस सक्रिय हो गई और बैंक का एप डाउनलोड कर हाथों-हाथ प्रोफेसर के बैंक खाते में 7 लाख रुपए रुकवा दिए। इसके साथ ही साइबर ठगों के खातों में गए करीब 10 लाख रुपए भी फ्रीज करवा दिए। अब प्रकरण दर्ज कर साइबर ठगों की तलाश और जांच शुरू कर दी है। मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर दशरथ पिंपले के पास 8 दिसंबर को साइबर ठग का कॉल आया। उसने खुद को बैंक का अधिकारी बताते हुए केवाईसी के लिए अकाउंट की डिटेल मांगी। प्रोफेसर ने डिटेल उपलब्ध करवा दी तो साइबर ठग ने एक दिन बाद रविवार को ठगी की वारदात शुरू की। सुबह से दोपहर करीब 12 बजे तक 18-19 लाख रुपए साइबर ठगों ने बैंक खाते से उड़ा लिए। इसका पता चला तो प्रोफेसर और उनकी पत्नी सुभाषनगर थाने पहुंचे। ठगी से सकते में आए दंपती यहां बेसुध हाल हो गए। इस पर सुभाषनगर पुलिस दंपती को साथ लेकर रिजर्व पुलिस लाइन स्थित साइबर थाने पहुंची। यहां कांस्टेबल राजेन्द्र शर्मा और कांस्टेबल रामप्रसाद ने डीएसपी उदयसिंह चुंडावत को प्रकरण की जानकारी दी। उनके निर्देश पर हैड कांस्टेबल राजेश शर्मा के साथ कांस्टेबल राजेन्द्र और रामप्रसाद ने साइबर ठगी रोकने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस बीच भी कुछ राशि साइबर ठगों ने उड़ा ली, लेकिन हाथों-हाथ करीब 10 लाख रुपए ठगों के बैंक खातों में होल्ड करवा दिए। अब प्रकरण दर्ज कर लिया गया है और अनुसंधान के साथ साइबर ठगों की तलाश शुरू कर दी है।