श्री गुरु तेग बहादर जी के प्रकाश पर्व के मौके पर गुरुद्वारा गुरु के महल में शुरु हुए गुरमत समागम के तहत एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने हरेक सिख को नितनेम के अलावा जपुजी साहिब का एक पाठ रोजाना करने की अपील की है। उन्होंने केंद्र से श्री गुरु तेग बहादर जी की 350वीं शताब्दी के मौके पर बंदी सिखों की रिहाई की मांग भी की है। शताब्दी को समर्पित समागमों की रस्मी शुरुआत करते धामी ने कहा कि केंद्र को बंदी सिखों विशेषकर फांसी की सजा प्राप्त बलवंत सिंह राजोआणा के मामले में अविलंब फैसला लेने की मांग भी की है। इस गुरमत समागम में धामी के अलावा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज, श्री हरमंदर साहिब के हैड ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह, ग्रंथी गुरमिंदर सिंह, मुख्य सचिव कुलवंत सिंह इत्यादि ने विशेष तौर से शमूलियत करते हुए हािजरी भरी। धामी ने संगत से अपील की कि श्रद्धालु इस साल नवंबर माह में गुरु तेग बहादर साहिब के शहीदी दिवस को समर्पित प्रतिदिन जपुजी साहिब का पाठ करें। उन्होंने कहा कि नौवें पातशाह का जीवन व शहादत मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अदभुत मिसाल है। उन्होंने कहा कि समागमों की रस्मी शुरुआत आज श्री अखंड पाठ का भोग डालकर की गई है। उन्होंने केंद्र सरकार से शताब्दी को समर्पित यादगार स्थापित करने के लिए पहलकदमी करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आप सरकार के एक हस्ताक्षर से दविंदरपाल सिंह की रिहाई हो सकती थी मगर अरविंद केजरीवाल ने कभी भी सिखों के पक्ष में आवाज बुलंद नहीं की।


