कोंडागांव जिले के केशकाल क्षेत्र में जनजातीय संस्कृति का प्रमुख त्योहार मरका पंडुम धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर आमा जोगानी की विशेष पूजा-अर्चना की। मरका पंडुम का विशेष महत्व है। यह त्योहार प्रकृति और अन्नदाता के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का प्रतीक है। इस दौरान पारंपरिक नृत्य और गीत-संगीत का आयोजन किया गया। पूरे गांव में भक्तिमय माहौल बना रहा। आमा जोगनी पर्व की अलग पहचान बस्तर अंचल में आमा जोगनी पर्व की अलग पहचान है। यह विशेषकर महिलाओं की आस्था से जुड़ा है। ग्रामीण आमा जोगनी से परिवार, फसल और पशुधन की रक्षा की प्रार्थना करते हैं। ग्राम देवी के स्थल पर विशेष पूजा की जाती है। पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार भोग लगाया जाता है। सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने का संकल्प इस वर्ष के आयोजन में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही। उन्होंने पारंपरिक वेशभूषा में गीत-नृत्य प्रस्तुत किए। स्थानीय बुजुर्गों और धर्मगुरुओं के मार्गदर्शन में पूजा संपन्न हुई। समुदाय के लोगों ने अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने का संकल्प लिया।