भास्कर न्यूज | कोंडागांव शहर में यातायात व्यवस्था पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुकी है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर बसे इस शहर में सड़कों पर अतिक्रमण और अवैध पार्किंग ने आम लोगों की जान को जोखिम में डाल दिया है। सब्ज़ी ठेले, जूते-चप्पल की दुकानें, अस्थायी बाजार और बेतरतीब खड़े वाहन हर दिन नए हादसों को जन्म दे रहे हैं। शहर की मुख्य सड़क जो राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा है, वहां ट्रैफिक का दबाव बहुत अधिक रहता है। इसके बावजूद सड़क किनारे दुकानदारों ने अतिक्रमण कर लिया है। फुटपाथ पूरी तरह गायब हो चुका है और पैदल चलने वालों के पास कोई सुरक्षित रास्ता नहीं बचा है। कई जगहों पर ठेले और दुकानें सड़क के लगभग बीच तक आ चुकी हैं, जिससे ट्रैफिक संकुचित हो जाता है और ओवरटेक या मोड़ पर दुर्घटनाएं होना आम बात हो गई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, जब कोई बड़ी दुर्घटना होती है तभी ट्रैफिक पुलिस और नगर पालिका की नींद खुलती है। कुछ दिन तक जांच और चालान की औपचारिकताएं होती हैं, फिर कुछ ही समय में सब कुछ पहले जैसा हो जाता है। इस लापरवाही का खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ता है। शहरवासियों में इस स्थिति को लेकर भारी आक्रोश है। उन्होंने कई बार शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया है। न तो नियमित रूप से ट्रैफिक पुलिस की पेट्रोलिंग होती है और न ही नगर पालिका की ओर से अतिक्रमण हटाने की कोई सख्त कार्रवाई।