ग्राम बच्चूखेड़ी के श्री गौतम वेयर हाउस में भंडारित तीन करोड़ से अधिक कीमत के शासकीय गेहूं के गायब हाेने के मामले में कुछ अधिकारी भी जांच व कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं।
पूरे घटनाक्रम को लेकर ये सवाल भी उठ रहे हैं कि हर तीन महीने में वेयर हाउस का फिजिकल वेरिफिकेशन होता है। भौतिक सत्यापन रिपोर्ट तैयार होती है। इसमें स्पष्ट होता है कि मौके पर भंडारित किया गया अनाज वहां है या नहीं। है, तो किस स्थिति में यानी उपयोग लायक है या खराब हो रहा है आदि। चूंकि घटना में बड़ी मात्रा में गेहूं की बोरियां गायब हुई व मौजूदा बोरियों में गेहूं की बजाय डस्ट, भूसा व छानन भरा मिला। तो इतनी बड़ी गड़बड़ी एक-दो दिन में तो नहीं हुई होगी। गड़बड़ी होने पर क्यों जिम्मेदार अधिकारियों को शक नहीं हुआ? ऐसे में आशंका है कि जिम्मेदार अधिकारियों (मुख्य रूप से शाखा प्रबंधक व क्षेत्रीय प्रबंधक) ने फिजिकल वेरिफिकेशन में भी लापरवाही बरती। या फिर इनके द्वारा रूटीन भौतिक सत्यापन रिपोर्ट को नजरअंदाज किया जाता रहा। बहरहाल मामले में विभागीय जांच में लापरवाहों के शासकीय चेहरे भी सामने आएंगे। फिलहाल तो मामले में रविवार को एफआईआर दर्ज होने की उम्मीद है। कलेक्टर नीरजकुमार सिंह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि मामले में एफआईआर दर्ज करवा रहे हैं। साथ ही विभागीय जांच भी बैठाई जा रही है। गौरतलब है पूर्व में भी जिले में शासकीय अनाज की हेराफेरी के कुछ मामलों में तो चोर बाजारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज हुए और राशि की वसूली दोषियों की संपत्तियों को नीलाम कर की गई। यह है पूरा मामला घट्टिया के ग्राम बच्चूखेड़ी में कांग्रेसी नेता विजयसिंह गौतम का वेयर हाउस है। इसमें प्रशासन ने समर्थन मूल्य पर खरीदा गेहूं वर्ष 2020-21 में अनुबंध के तहत रखा था। अब यहां भंडारित 28 हजार 174 बोरियों में से 16 हजार 168 बोरी गायब है। जो 12 हजार 6 बोरी वेयर हाउस में मिली, उनमें गेहूं की बजाय डस्ट,भूसा व छानन भरा पाया गया। यानी यहां भंडारित किए गए संपूर्ण गेहूं की हेराफेरी सामने आई है। इसकी कीमत 3 करोड़ रुपए से अधिक है। अधिकारियों की संयुक्त टीम ने पंचनामा बनाकर वेयर हाउस सील कर दिया है। रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है। इस घटना से उज्जैन से लेकर भोपाल तक हड़कंप है।