तस्वीर पहलगाम के बैसरन घाटी की है। 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले से कुछ देर पहले की ही। इस तस्वीर में एक टूरिस्ट गाइड हैं जो छत्तीसगढ़ के एक परिवार के बच्चे के साथ खेल रहे हैं। कुछ देर बाद फायरिंग होती है, यही टूरिस्ट गाइड नजाकत बच्चों समेत 11 लोगों की जान बचाते हैं। इस हमले में नजाकत के ममेरे भाई सैयद आदिल भी मारे गए। टूरिस्टों को बचाने वह आतंकियों से भिड़ गए। इस दौरान आतंकियों ने उसे गोलियों से छलने कर दिया। अब ये लोग टूरिस्ट गाइड नजाकत अली का एहसान नहीं भूलेंगे। ऐसा BJYM नेता अरविंद अग्रवाल ने खुद नजाकत के साथ फोटो पोस्ट कर लिखा है। वहीं, नजाकत ने भी खौफनाक मंजर की आंखों देखी शेयर की। उन्हें 4 परिवारों के 11 लोग छत्तीसगढ़ के चिरमिरी से हैं जिनमें बच्चे भी थे। इनमें एक BJYM नेता, एक बीजेपी महिला पार्षद, एक पूर्व पार्षद भी है। जो कश्मीर घूमने गए थे। इन्हें कश्मीर के उनके परिचित नजाकत गाइड कर रहे थे। हमले से कुछ देर पहले की ये तस्वीर देखिए.. भाई के जनाजे में शामिल नहीं हो पाया नजाकत पहलगाम हमले में मारे गए सैयद आदिल बैसरन पहाड़ी में घोड़े की सवारी करवाते थे। नजाकत ने बताया कि छत्तीसगढ़ से आए हुए मित्रों को श्रीनगर छोड़ने गया हुआ था। इस कारण मैं जनाजे में भी शामिल नहीं हो पाया। मेहमानों को सकुशल पहुंचाना मेरा कर्तव्य था और छत्तीसगढ़ के चिरमिरी से आए मेहमान मेरे मित्र बड़े भाई के समान थे। बैसरन घाटी के बारे में जानिए.. बैसरन घाटी दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहाड़ी शहर पहलगाम से लगभग 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, लेकिन वहां केवल पैदल, घोड़े या टट्टू की सवारी से ही पहुंचा जा सकता है। 5 किलोमीटर लंबा कच्चा रास्ता पहलगाम को बैसरन घाटी से जोड़ता है। आगे आपको बताएंगे नजाकत ने कैसे बचाई जान, पहले कुछ तस्वीरें जो हमले से पहले इन परिवारों ने ली अब पढ़िए नजाकत अली ने क्या कहा- नजाकत अहमद शाह ने बताया कि छत्तीसगढ़ से 4 कपल 17 अप्रैल को घूमने आए थे। मैंने उन्हें श्रीनगर, गुलमर्ग, कश्मीर घुमाया और आखिरी में पहलगाम घूमना बाकी था। पहलगाम में हमारा घर है और हमें उनकी मेहमान नवाजी करनी थी। 22 अप्रैल को 12 बजे पहलगाम के बैसरन में हम घूमने निकले थे। इसे मिनी स्विट्जरलैंड कहते हैं। सभी लोग मैगी खा रहे थे फोटो खिंचवा रहे थे। आगे नजाकत ने कहा कि, बच्चों को लेकर मैं बैसरन घाटी से पहलगाम की तरफ भागा। इसके बाद बाकी मैं सबको इनोवा में बिठाकर होटल छोड़ा। 2 लोग जो पीछे रह गए थे उन्हें फिर लेने गया। सभी सही सलामत मेरे मेहमान वापस आ गए। नजाकत छत्तीसगढ़ में गर्म कपड़े बेचने भी आते हैं कश्मीर के निवासी नजाकत अली हर साल सर्दियों में कश्मीरी शॉल और गर्म कपड़े बेचने के लिए चिरमिरी परिवार के साथ आते हैं। उनका पूर्व पार्षद शिवांश जैन से घनिष्ठ संबंध बना हुआ है। चिरमिरी के 11 लोग जब पहलगाम पहुंचे थे तो नजाकत अली ने उन्हें घुमाने की जिम्मेदारी ली थी। चलने लगी गोली तो नजाकत ने बचाया पूर्व पार्षद शिवांश जैन ने घटना के बाद परिजनों से फोन कर बताया कि, जब गोली चलने लगी तो उनके साथ कश्मीर के व्यवसायी नजाकत अली ने सामने आकर सभी को बाहर निकाला। सुरक्षित स्थान पर ले गए। नजाकत अली ने जो मानवता और कश्मीरियत की मिसाल पेश की है, उससे चिरमिरी के लोग भी गदगद हैं। ये लोग गए थे कश्मीर कुलदीप स्थापक, उनकी पत्नी पूर्वा स्थापक जो नगर निगम चिरमिरी के वार्ड क्रमांक-12 की पार्षद हैं। वहीं अरविंद अग्रवाल युवा मोर्चा नेता हैं उनका परिवार, साथ ही हैप्पी बधावान और पूर्व पार्षद शिवांश जैन का परिवार कश्मीर घूमने गया था। पढ़िए भाजुयमो नेता का पोस्ट पर्यटक दल में शामिल भाजयुमो नेता अरविंद अग्रवाल ने नजाकत अली के साथ अपनी फोटो पोस्ट कर लिखा है कि, आपने अपनी जान दांव पर लगा कर हमारी जान बचाई। हम नजाकत भाई का एहसान कभी नहीं चुका पाएंगे।