उदयपुर में एक महिला का प्रसव रास्ते में निजी वाहन में ही हो गया। फिर परिजन उसे आगे के इलाज के लिए पीएचसी लेकर पहुंचे, जहां ताला लगा हुआ था। करीब 6 घंटे तक महिला दर्द से तड़पती रही लेकिन सुबह 9 बजे तक पीएचसी पर डॉक्टर सहित कोई स्टाफ नहीं पहुंचा। मामला गोगुंदा उपखंड में नांदेश्मा पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र) का है। चलवा गांव निवासी लेरकी ने बताया- पत्नी कमलेश गमेती को अलसुबह अचानक प्रसव पीड़ा हुई। परिजन उसे तत्काल नांदेश्मा स्थित सरकारी पीएचसी पर ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही महिला का प्रसव हो गया। गंभीर हालात में परिजन महिला और नवजात को लेकर अलसुबह करीब 4 बजे पीएचसी पहुंचे तो वहां दरवाजे पर ताला लगा मिला। कोई चिकित्सक और स्टाफ वहां नहीं मिला। पीएचसी के बरामदे में बिताए 6 घंटे: करीब 6 घंटे महिला को पीएचसी के बरामदे में ही गुजारने पड़े। गांव की ही एक महिला ने बच्चे की नाल काटी। परिजनों ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण वे प्रसूता और शिशु को वापस घर नहीं ले जा सके, क्योंकि सेहत परीक्षण के लिए सुबह फिर से पीएचसी आना पड़ता और वाहन किराए के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। बीसीएमओ ने दिए जांच के आदेश: बीसीएमओ डॉ. दिनेश मीणा शिकायत मिलते ही मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि पीएचसी में नियुक्त डॉ. प्रवीण कुमार के अवकाश की कोई जानकारी नहीं थी। ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए सीएमएचओ को शिकायत की, जिसके बाद सीएमएचओ ने बीसीएमएओ को जांच के आदेश देते हुए स्टाफ की अनुपस्थिति की जानकारी मांगी है। इनपुट: लखन सालवी, गोगुंदा