भास्कर न्यूज | लुधियाना वाटर वॉरियर्स पंजाब ने बुड्ढा दरिया के लिए जागरूकता अभियान चलाया। कहा कि अपशिष्ट उपचार संयंत्रों (सीईटीपी), सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी), डेयरी इकाइयों और इलेक्ट्रोप्लेटिंग उद्योगों से निकलने वाले अनुपचारित रसायनों ने विषाक्त कर दिया है। वाटर वॉरियर्स पंजाब के सदस्यों ने कहा कि सतलुज की एक महत्वपूर्ण सहायक नदी बुड्द्धा दरिया पंजाब के इतिहास, कृषि और अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा रही है, अब दयनीय स्थिति में है। यह दरिया अब अनियंत्रित प्रदूषण के बोझ तले दबी है। इसके मार्ग में बसे समुदाय हेपेटाइटिस सी, कैंसर और अनेक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, जो औद्योगिक लापरवाही का दुखद परिणाम है। चार वर्षों से ये पर्यावरणीय न्याय के प्रहरी सतलुज की सफाई के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं, और पिछले एक वर्ष में उनकी मुहिम ने लाडोवाल के सतलुज पुल पर साप्ताहिक सभाओं के माध्यम से गति पकड़ी है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने स्पष्ट रूप से कहा है कि रंगाई उद्योगों को शून्य-तरल निर्वहन के आधार पर संचालित करने का आदेश था, फिर भी वे इस नियम की अवहेलना करते हुए बुड्द्धा दरिया में प्रदूषक डाल रहे हैं। कहा कि राज्य के किसी भी सीईटीपी या एसटीपी प्रभावी ढंग से कार्य नहीं कर रहे हैं।