जयशंकर बोले- हमें सहयोगी चाहिए, उपदेशक नहीं:नसीहत देने वाले खुद अमल में नहीं लाते; यूरोप से मदद से सवाल पर विदेश मंत्री का तंज

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि हम दुनिया में सहयोगी चाहते हैं, उपदेश देने वाले नहीं। जयशंकर ने यह बयान दिल्ली में आयोजित आर्कटिक सर्कल इंडिया फोरम 2025 में दिया। दरअसल समिट के होस्ट समीर सरन ने जयशंकर से सवाल किया था कि भारत को यूरोप से क्या उम्मीद होनी चाहिए। इसके जवाब में जयशंकर ने कहा, जब हम दुनिया की तरफ देखते हैं, तो हम साझेदार ढूंढते हैं, उपदेश देने वाले नहीं। खासकर वे प्रवचनकर्ता, जो विदेश में जो उपदेश देते हैं, उसे अपने घर में अमल में नहीं लाते। विदेश मंत्री के मुताबिक यूरोप में अभी यह समस्या मौजूद है, लेकिन यूरोप उस दौर में पहुंच चुका है, जब वास्तविकताओं के साथ उसकी परीक्षा होगी। वे इस पर कितना खरे उतरते हैं, यह देखना बाकी है। पश्चिमी देशों ने भारत को पाकिस्तान से बातचीत की सलाह दी पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पश्चिमी देशों ने भारत के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं। हालांकि, इन देशों ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के जरिए इस समस्या का हल निकालने की बात कही है। 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 लोगों की हत्या की थी। इस हमले का मास्टरमाइंड आतंकियों में पाक सुरक्षाबलों में रह चुका कमांडर मूसा है। भारत सरकार ने कार्रवाई करने के लिए सेनाओं की खुली छूट दी है। जयशंकर ने पहले भी पश्चिमी देशों पर सवाल उठाए जयशंकर फरवरी में जर्मनी के दौरे पर गए थे। यहां उन्होंने म्यूनिख में आयोजित सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया था। इस दौरान उन्होंने लोकतंत्र पर पश्चिमी देशों के डबल स्टैंडर्ड पर सवाल उठाया था। जयशंकर ने कहा था कि पश्चिमी देश लोकतंत्र को अपने यहां की व्यवस्था मानते हैं और ग्लोबल साउथ के देशों में गैर-लोकतांत्रिक ताकतों को बढ़ावा देते हैं। जयशंकर से पूछा गया था कि क्या दुनिया भर में लोकतंत्र खतरे में है। इसके जवाब में उन्होंने उंगली पर लगी स्याही दिखाते हुए कहा था कि हमारे लिए लोकतंत्र सिर्फ एक थ्योरी नहीं, बल्कि एक डिलीवर किया हुआ वादा है। पश्चिमी देशों पर लगते रहे हैं तख्तापलट के आरोप अमेरिका और उसके सहयोगी पश्चिमी देशों पर दूसरे देशों में तख्तापलट के आरोप लगते रहे हैं। पिछले साल बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अमेरिका पर उनका तख्तापलट का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि अगर मैंने बंगाल की खाड़ी में स्थित सेंट मार्टिन द्वीप को अमेरिका के लिए छोड़ दिया होता तो मैं सत्ता में बनी रह सकती थी। इसी तरह अमेरिका पर आरोप है कि 1980 के दशक में उसने अफगानिस्तान में USSR को हराने के लिए तालिबान बनाया था। —————————– जयशंकर के बयान से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… जयशंकर बोले- यूक्रेन जंग का हल बातचीत से निकले:इटैलियन अखबार से कहा- यूरोप को सिद्धांतों की इतनी परवाह तो रूस से रिश्ते खत्म करे विदेश मंत्री एस जयशंकर नवंबर 2024 में G7 देशों के विदेश मंत्रियों की मीटिंग में शामिल होने के लिए इटली पहुंचे थे। यहां उन्होंने इटैलियन न्यूज पेपर कोरिएरे डेला सेरा से यूक्रेन वॉर और भारत-चीन समेत कई मुद्दों पर बात की। जयशंकर ने यूक्रेन वॉर डिप्लोमैटिक हल पर जोर दिया। पूरी खबर यहां पढ़ें…

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *