कपूरथला के महाराजा और महान सिख योद्धा नवाब जस्सा सिंह आहलूवालिया की 307वीं जयंती पर आज राजकीय स्टेट गुरुद्वारा साहिब में विशेष समारोह का आयोजन किया गया। शाही परिवार की ओर से ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) सुखजीत सिंह आहलूवालिया और उनके पुत्र टिक्का राजा शत्रुजीत सिंह आहलूवालिया ने अखंड पाठ का भोग डलवाया। बता दें कि, नवाब जस्सा सिंह का जन्म 1718 में वर्तमान पाकिस्तान स्थित आहलू गांव में हुआ था। वे एक वीर योद्धा थे, जिन्होंने मुगलों के विरुद्ध कई युद्ध लड़े। उनका सबसे उल्लेखनीय कार्य मुगल शासक अहमद शाह अब्दाली से 2200 हिंदू कन्याओं को मुक्त कराना था। उन्होंने सभी कन्याओं को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाया था। उनके महत्वपूर्ण योगदानों में मुगलों द्वारा नष्ट किए गए श्री हरमंदिर साहिब का पुनर्निर्माण भी शामिल है, जिसके लिए उन्होंने दस लाख रुपए का दान दिया था। उनकी सैन्य सफलताओं में दिल्ली पर विजय भी शामिल है। कीर्तन दरबार का आयाेजन कपूरथला का शाही परिवार प्रतिवर्ष उनकी जयंती मनाता है। इस अवसर पर स्टेट गुरुद्वारा साहिब में कीर्तन दरबार का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष नवाब जस्सा सिंह आहलूवालिया स्मारक ट्रस्ट ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े दो दर्जन से अधिक प्रमुख व्यक्तियों को सम्मानित किया। इनमें शिअद हलका इंचार्ज एचएस आहलूवालिया, एसजीपीसी सदस्य जरनैल सिंह डोगरावाल और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।