केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव संबोधन के बीच महिलाओं की ओर से टोकने पर नाराज हो गए। उन्होंने कहा- मैं धैर्यवान आदमी है, लेकिन बदतमीजी बर्दाश्त नहीं करेंगे। ऐसे बात नहीं हो सकती। केंद्रीय मंत्री रविवार को बहरोड़ के ऊंटोली गांव में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। महिलाओं ने पानी का मुद्दा उठाया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा- सांसद संपर्क कार्यक्रम कोई एक दिन का नहीं है। आने वाले चार साल में भी मैं आपके बीच आऊंगा। अभी एक बहन ने पानी की समस्या उठाई थी। अगले सरपंच के चुनाव में मैं आपको चुनाव लड़ाऊंगा और फिर मिलकर पानी की समस्या को सुलझाएंगे। भाषण के बीच में एक बार फिर महिलाओं ने केंद्रीय मंत्री के सामने पानी की समस्या दूर करने की मांग रख दी। इसके बाद मंत्री ने कहा कि ऐसे बात नहीं हो सकती। मेरा मानना है कि राजनीति विकास की होनी चाहिए
इसके बाद भूपेंद्र यादव ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मैं आज यहां आकर आश्चर्यचकित हूं। सभी आदमी, बच्चे चुप है। क्या गांव में ऐसा कमरा नहीं होना चाहिए, जहां दुनियाभर की जानकारी हो। क्या बच्चों के लिए सांसद खेल नहीं करवाना चाहिए? मैं कोई पहली और अंतिम बार नहीं आया हूं, मैं चार साल लगातार आऊंगा। मेरा ये मानना है कि राजनीति विकास की होनी चाहिए। हमें तो भगवान ने बहुत दिया है, सब कुछ तो दे दिया और हमें चाहिए क्या? हम आपके बीच में आए हैं, मैंने बात शुरू नहीं की और आपने बोलना शुरू कर दिया, ये क्या तरीका है। आज से पहले इस गांव में सरकार की इतनी बड़ी टीम आकर बैठी हो तो मुझे बताओ। बात करने का तरीका कौन सिखाएगा। हम रात को 2 बजे आए और सुबह 8 बजे रामगढ़ के गांव पहुंच गए। हमसे तो किसी ने ऐसे बात नहीं की, जैसे आपने की। मंच से बोले- मुझे बदतमीजी पसंद नहीं
मंत्री ने कहा- मैं आज आपके गांव में इतनी ही बात करूंगा की मैं बहुत धैर्य रखने वाला आदमी हूं, लेकिन मेरे को बदतमीजी पसंद नहीं। मैं आपके हाथ जोड़ता हूं, फिर कभी आऊंगा तो तसल्ली से बात करूंगा। इसके बाद मंत्री वहां से चले गए। इससे पहले भूपेंद्र यादव ने कहा कि हम मेडिकल टीम साथ लेकर आए हैं। 35 से लेकर 50 साल के लोग टीबी से पीड़ित है, वे दूसरों को टीबी बांटते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं, भारत देश को टीबी मुक्त किया जाए। इधर, ग्रामीणों का आरोप है कि भूपेंद्र यादव ने चुनाव पानी के मुद्दे पर लड़ा था, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ।