NEET UG 2025-समस्तीपुर में डॉक्टर समेत 2 गिरफ्तार:कैंडिडेट के बदले सॉल्वर दे रहे थे एग्जाम; ओडिशा से 4 पकड़ाए, जिनमें 2 बिहार-झारखंड के

रविवार 4 मई को हुई NEET-UG 2025 की परीक्षा में समस्तीपुर में स्कॉलर बैठाने का मामला सामने आया है। समस्तीपुर पुलिस ने एक डॉक्टर समेत 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने टेक्निकल सबूतों के आधार पर बेगूसराय जेल में पोस्टेड डॉक्टर रंजीत कुमार समेत 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 3 मोबाइल, 1 कार और 50 हजार कैश बरामद हुआ है। इसके अलावा कई छात्रों के एडमिट कार्ड भी मिले हैं। ASP संजय पांडे ने बताया कि ‘पुलिस को टेक्निकल सेल से जानकारी मिली थी। NEET परीक्षा में ओरिजिनल कैंडिडेट्स की जगह स्कॉलर बैठाया गया है। इसके बाद पुलिस की टीम गिरोह को पकड़ने में जुट गई। रविवार देर शाम मोहनपुर पुल के पास से 2 लोगों को गिरफ्तार किया।’ पटना से मिले इनपुट पर हुई कार्रवाई ASP संजय पांडे ने बताया, ‘पटना से इनपुट मिला था। जिसके बाद गिरोह की तलाश शुरू की। मोहनपुर पुल के पास एग्जाम सेंटर के पास 2 लोग बैठे हुए थे। शक पर उनके मोबाइल को खंगाला तो कई छात्रों के एडमिट कार्ड मिले। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों में बेगूसराय जेल में पोस्टेड डॉ. रंजीत कुमार और दरभंगा के रहने वाले रामबाबू मलिक के तौर पर हुई है।’ ‘पूछताछ में डॉ. रंजीत कुमार ने माना कि NEET एग्जाम में कमजोर कैंडिडेट्स को पास कराने के लिए एडमिट कार्ड में छेड़छाड़ कर स्कॉलर बैठाते थे। 2.50 से 5 लाख तक में डील होती थी।आशंका है कि मोहनपुर पुल के पास सेंटर में 2 से 3 कैंडिडेट्स को बिठाया गया है।’ ओडिशा से 4 गिरफ्तार, जिनमें 2 बिहार-झारखंड के इधर ओडिशा में एग्जाम में गड़बड़ी की कोशिश थी। इसे लेकर ओडिशा पुलिस ने भुवनेश्वर से एक इंटरस्टेट गैंग के चार सदस्यों को पकड़ा है। इन पर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए NEET के अभ्यर्थियों से पैसे लेने का आरोप है। पकड़े गए 4 लोगों में एक बिहार का अरविंद कुमार है। वहीं झारखंड के प्रियदर्शी कुमार और ओडिशा के सुनील सामंत्रे और रुद्र नारायण बेहरा शामिल हैं। बताया जा रहा है कि कैंडिडेट्स से 20 से 30 लाख में डील हुई थी। पुलिस आयुक्त एस देवदत्त सिंह ने बताया- ‘ओडिशा के दो लोगों समेत चार को भुवनेश्वर की स्पेशल क्राइम यूनिट ने गिरफ्तार किया है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि गैंग के सदस्य छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन दिलाने का वादा करके उनसे पैसे लेते थे। गैंग की प्लानिंग सॉल्वर को परीक्षा में बिठाने की थी।’ फर्जी कैंडिडेट असली की जगह देते परीक्षा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओडिशा पुलिस को शक है कि गैंग के मेंबर पहले स्थानीय एजेंट से NEET उम्मीदवारों की जानकारी जुटाते हैं, जिसमें उनके आधार कार्ड भी शामिल हैं। वे लोग रजिस्ट्रेशन में मदद करते, फिर एडमिट कार्ड जारी होने के बाद, उसे बिहार के गैंग को ट्रांसफर किया जाता। इसके बाद फर्जी कैंडिडेट इन एडमिट कार्ड का इस्तेमाल असली छात्रों की जगह परीक्षा में बैठने के लिए किया जाता। पुलिस आयुक्त सिंह ने बताया कि इनके पास से 90 लाख रुपए से ज्यादा के चेक, कुछ ब्लैंक चेक, 182 उम्मीदवारों के डॉक्यूमेंट जब्त किए गए हैं। बिहार-झारखंड के आरोपी मास्टरमाइंड पुलिस आयुक्त एस देवदत्त सिंह ने बताया- ‘रैकेट के भुवनेश्वर में एक्टिव होने के बारे में हमें खुफिया विभाग से खबर मिली थी। इस रैकेट का मास्टरमाइंड झारखंड का प्रियदर्शी कुमार और बिहार का अरविंद कुमार है।’ झारखंड का आरोपी हजारीबाग का रहनेवाला है। ‘ओडिशा के सुनील और रुद्र दोनों की मदद कर रहे थे। भुवनेश्वर के एक ऐडमिशन काउंसलिंग एजेंसी से सुनील और रूद्र ने छात्रों की जानकारी जुटाई थी।’ ‘नकली परीक्षार्थी को बैठने में यहां की कुछ संस्थाओं की भूमिका संदेहास्पद है। ऐसे में इस तरह के संस्थाओं के बारे में पता लगाने का पूरा प्रयास किया जाएगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’ ओडिशा पुलिस ने कॉन्टैक्ट नहीं किया, वेरिफाई करवाएंगे-ADG बिहार में आर्थिक अपराध इकाई के ADG नैय्यर हसनैन खान से सोमवार को भास्कर ने बात की। उन्होंने बताया कि ‘ओडिशा में हुई कार्रवाई को लेकर वहां की पुलिस ने आधिकारिक तौर पर कोई संपर्क नहीं किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वहां हुई गिरफ्तारी में एक बिहार का शख्स शामिल है तो हमारी टीम इसे वेरिफाई करेगी।’ एग्जाम को लेकर बिहार में कार्रवाई के सवाल पर कहा कि, ‘आंसर की के नाम पर छात्रों से रुपयों की ठगी किए जाने की शिकायत एक-दो जिलों से आई थी। इसमें अररिया जिले में साइबर डीएसपी ने कार्रवाई करते हुए एक ठग को गिरफ्तार किया है। ‘ राजस्थान में क्वेश्चन पेपर देने के नाम पर ठगी, 3 गिरफ्तार वहीं दूसरी ओर राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने जयपुर से तीन लोगों को पकड़ा है। इनकी पहचान बलवान (27), मुकेश मीना (40) और हरदास (38) के रूप में हुई है। इन पर NEET 2025 के प्रश्नपत्र के बदले में एक NEET उम्मीदवार से 40 लाख रुपए ठगने का आरोप है। तीनों संदिग्धों ने कैंडिडेट और उसके परिवार को हरियाणा के गुरुग्राम ले जाने के बाद पैसे की मांग की। परिवार ने जब प्रश्नपत्र दिखाने को कहा तो आरोपियों ने इनकार कर दिया। एग्जाम से पहले पटना पुलिस ने 3 माफियाओं काे उठाया इधर परीक्षा से पहले शनिवार की रात से ही पटना पुलिस की विशेष टीम ने माफियाओं के ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी। सूत्रों के अनुसार, परीक्षा माफिया मिथिलेश के ठिकानों पर पुलिस ने शनिवार की रात छापेमारी की, लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस ने इस दौरान तीन परीक्षा माफियाओं काे उठाया है। तीनों से पूछताछ करने के साथ ही उनके मोबाइल की सीडीआर खंगालने में जुटी है। हालांकि पुलिस अधिकारी इस बाबत कुछ बताने से मना कर रहे हैं। 4 मई को हुई परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 4 मई, 2025 को NEET UG 2025 परीक्षा आयोजित की। पूरे देश के मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज और आयुष कॉलेजों में एडमिशन पाने के लिए 22 लाख से अधिक उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए। ———————————- इसे भी पढ़िए…. कॉन्स्टेबल ने NEET पेपर का 40 लाख में किया सौदा:जयपुर के स्टूडेंट और माता-पिता को पेपर दिलाने का वादा कर गुरुग्राम ले गया, 3 गिरफ्तार नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) का 40 लाख रुपए में पेपर दिलाने का झांसा देने वाले कॉन्स्टेबल सहित 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। कॉन्स्टेबल और उसके दो साथियों ने स्टूडेंट व उसके पेरेंट्स से 40 लाख में नीट का पेपर उपलब्ध कराने का सौदा किया। पूरी खबर पढ़ें।

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