भास्कर न्यूज | रिंगनी-खरौद छठवीं शताब्दी के प्राचीन शबरी मंदिर में 12 मई को बैशाख पूर्णिमा पर भजन-कीर्तन हुआ। यह मंदिर केंद्रीय पुरातत्त्व विभाग द्वारा संरक्षित है। नगर की महिला कीर्तन मंडली ने इस आयोजन को किया। हर पूर्णिमा को यहां भजन-कीर्तन होता है। इसका उद्देश्य लोगों में धार्मिक और आध्यात्मिक भावना को जागृत करना है। कार्यक्रम में महामाया आध्यात्म परिषद के वरिष्ठ सदस्य हेमलाल यादव ने कीर्तन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, भगवान का नाम लेने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। कलियुग में ऐसा कोई पाप नहीं है जो भगवान के नाम से मिट न सके। चारों युगों और वेदों में नाम का प्रभाव बताया गया है। सत्ययुग में ध्यान, त्रेता में यज्ञ, द्वापर में पूजा से जो फल मिलता है, वह कलियुग में केवल नाम कीर्तन से ही मिल जाता है। इस आयोजन में स्व. जगदीश प्रसाद यादव की धर्मपत्नी ने आर्थिक सहयोग दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में चन्द्रप्रभा यादव, गौरी यादव, दुरपति, श्यामा, जमुना, चमेली, मदालसा, सुखबाई, मंटोरा, पद्मा फगनी, ललिता थवाईत, उत्तरा नोनिया, कांतिबाई, सविता रात्रे, सुमित्रा आदित्य, गंगाबाई, छठबाई, मंगली, वृंदा, श्यामबाई, रजनी, कांतिकुमार, दाऊलाल भेड़पाल और रामकुमार यादव ने सहयोग किया। नगर पंचायत खरौद की पार्षद नीलम यादव ने भी सहयोग दिया। प्रसाद वितरण जीवनबाई स्वर्णकार ने किया। कार्यक्रम के अंत में संचालक धनसाय यादव ने सभी का आभार जताया। उन्होंने भविष्य में भी इसी तरह सहयोग की अपील की।