‘डॉक्टर को घूस देना मजबूरी थी, पति अकेले कमाने वाले’

सिविल अस्पताल में आयुष्मान वाले मरीज का ऑपरेशन 13 हजार रुपए लेकर करने वाले सर्जन डॉ. अंकुर उप्पल को सेहत मंत्री ने रविवार को सस्पेंड कर जांच के आदेश दे दिए थे। पीड़ित परिवार ने रुपए लेते डॉक्टर की वीडियो बना ली थी। उन्होंने ही ये वीडियो उच्च अधिकारियों को भेजी। लेकिन, आरोपी डॉक्टर को इस बारे में पता चल गया था। सोमवार को दैनिक भास्कर ने पीड़ित सतनाम सिंह की प|ी कमलजीत कौर से बातचीत की तो उन्होंने आपबीती सुनाई। जब मरीज को ऑपरेशन के लिए लेकर जाते हैं, तभी पैसे लिए जाते हैं… ऐसा वहां सबके सामने होता है सिविल अस्पताल में मेरे पति का हर्निया का ऑपरेशन होना था। जो डॉक्टर इलाज कर रहे थे, उन्होंने ही ऑपरेशन किया। सोमवार को आईसीयू से नॉर्मल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। लेकिन, उससे पहले जो कुछ हुआ, उसने मन को तोड़ कर रख दिया। हमें डॉक्टर ने कहा कि ऑपरेशन के लिए पैसे लगेंगे। ये सुनकर हम हैरान रह गए, लेकिन मजबूरी थी, घर में वही अकेले कमाने वाले हैं और दो छोटी बेटियां हैं। डॉक्टर ने साफ कह दिया कि छह महीने तक काम नहीं कर पाएंगे। ऐसे में जबरन पैसे देने पड़ रहे थे, लेकिन दिल नहीं मान रहा था। रिश्वत देना गवारा नहीं था। तभी एक रिश्तेदार की मदद से वीडियो बना ली। वो वीडियो ऊपर तक भेजी गई। जब डॉक्टर को पता चला, तो उन्होंने कहा कि वीडियो बनाने से कुछ नहीं होगा। उसी दिन तीन और मरीजों के ऑपरेशन हुए, सबसे पैसे लिए गए। जिनके पास आयुष्मान कार्ड थे, उनसे 5 हजार और जिनके नहीं थे, उनसे 10 हजार रुपए लिए गए। ये पैसे सबके सामने नहीं लिए गए। जब मरीज को ऑपरेशन थिएटर ले जाया जाता है तभी पैसे लिए जाते हैं। किसी में हिम्मत नहीं होती बोलने की, सब चुप रहते हैं। मजबूरी होती है, क्योंकि मरीज एडमिट होता है। फिर भी हम नहीं चाहते कि किसी को सस्पेंड किया जाए। हम बस चाहते हैं कि गरीब की भी कोई सुनवाई हो। मरीज मजबूर न हो, लाचार न बने।’-कमलजीत कौर{मरीज की प|ी कमलजीत कौर की आपबीती की रिकॉर्डिंग दैनिक भास्कर के पास मौजूद है।

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