धार्मिक समारोहों में शामिल होंगे अन्य समुदायों के लोग

भास्कर न्यूज | लुधियाना ईसाई समुदाय क्रिसमस पर्व को लेकर तैयारियां जोरों पर कर रहा है। इस अवसर पर शहरभर में विशेष धार्मिक कार्यक्रमों और सजावट की तैयारियां की जा रही हैं। घरों और चर्चों को रंग-बिरंगे बलून, लाइट्स, क्रिसमस ट्री, स्टार्स और अन्य सजावट से सजाया जा रहा है। वहीं, चर्चों के बाहर और अंदर यीशु मसीह के जीवन से जुड़ी आकृतियां और संदेश भी बनाए जा रहे हैं। क्रिसमस से पहले ईसाई समुदाय के लोग घरों में विशेष धार्मिक समारोहों का आयोजन कर रहे हैं। इस दौरान वे कैरल (विशेष गीत) गाकर यीशु मसीह के जन्म की खुशी और शांति का संदेश दे रहे हैं। मंगलवार को ईसा नगरी पुली के पास भी इस तरह के एक आयोजन का आयोजन किया। क्रिश्चियन यूनाइटेड फैडरेशन के अध्यक्ष और कैथलिक नेता एलबर्ट दुआ ने बताया कि क्रिसमस के मौके पर सभी चर्चों में आराधना का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रभु यीशु के जन्म पर विशेष प्रार्थनाएं और पाठ किए जाएंगे। 24 दिसंबर को रात 11 बजे विशेष प्रार्थना सभा होगी, और जैसे ही 12 बजे बजेंगे, वैसे ही लोग एक -दूसरे के गले मिलकर बधाइयां देंगे। वहीं, क्रिसमस पर बच्चों को सांता का बेसब्री से इंतजार रहता है। सांता आएगा, तो दिलों में मुस्कान लाएगा, यही तो इस त्योहार का असली जादू है। सांता क्लॉज़ की मस्ती, रंग-बिरंगी सजावट और हर चेहरे पर मुस्कान क्रिसमस को खास बनाती है। यह दिन न केवल परिवार और दोस्तों के बीच प्यार बढ़ाता है, बल्कि हमें यह याद दिलाता है कि खुशियां छोटी-छोटी बातों में छिपी होती हैं। क्रिसमस के मौके पर ईसाई समुदाय के घरों में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें स्थानीय लोग और कॉलोनी वाले भी शामिल हो रहे हैं। खास बात यह है कि इन धार्मिक समारोहों में सिख और हिंदू धर्म के लोग भी शामिल हो रहे हैं और एकजुटता का संदेश दे रहे हैं। बाजारों में सांता की ड्रेस, क्रिसमस ट्री और अन्य सजावट का सामान बिक रहा है। चर्चों में कार्यक्रमों की शुरुआत पहले ही हो चुकी है, और फादर घर-घर जाकर लोगों को यीशु मसीह का संदेश भी दे रहे हैं। ईसाई समाज के लोग मानते हैं कि प्रभु यीशु मसीह का जन्म लोगों की भलाई के लिए हुआ था और उन्होंने अपनी जान भी लोगों की भलाई के लिए दी। उनका मुख्य संदेश है—आपस में प्रेम से रहो। 24 दिसंबर की रात को सभी चर्चों में प्रार्थना सभा और भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। 12 बजे रात को एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाई देने के बाद, 25 दिसंबर को सुबह 9 बजे फिर से प्रार्थना होगी, और चर्च दिनभर खुला रहेगा।

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