छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में 7 साल पहले लापता हुए युवक नंदू (उम्र 23 साल) की गुमशुदगी का राज अब सामने आ गया है। घर वालों से युवक के बारे में पूछने पर कोरोना से मौत की बात बताते थे। ऐसे में गांव वालों को लंबे समय तक यही लग रहा था कि नंदू की मौत कोरोना काल में हुई होगी। असल में उसकी मौत एक हत्या थी, और वह भी उसके अपने ही घर के एक सदस्य के हाथों। यह खुलासा तब हुआ जब गांव के एक बंद पड़े गोदाम के सैप्टिक टैंक से एक नर कंकाल बरामद हुआ। पुलिस ने जब जांच शुरू की, तो पता चला कि ये कंकाल उसी नंदू का है, जो सात साल पहले अचानक गायब हो गया था। इसके बाद पुलिस ने शक के आधार पर उसके सौतेले पिता राममिलन गोड़ को हिरासत में लिया। पूछताछ में राममिलन ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और बताया कि उसने ही नंदू की हत्या की थी। हत्या के बाद उसने शव को छुपाने के लिए गोदाम के सैप्टिक टैंक में डाल दिया था, और इतने सालों तक इस राज को दबाए रखा। कंकाल मिलने से गांव में मचा हड़कंप दरअसल, ग्राम भोयना में बंद पड़े गोदाम की जमीन के नाप-जोख का काम चल रहा था। इस दौरान 17 मई को गोदाम के सैप्टिक टैंक से मानव कंकाल की खोपड़ी दिखाई दी। सैप्टिक टैंक से मानव कंकाल की खोपड़ी मिलने की खबर ने गांव में सनसनी फैला दी। इसकी जानकारी अर्जुनी थाने की पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही अर्जुनी थाना प्रभारी चंद्रकांत साहू टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इसके बाद एडिशनल एसपी मणिशंकर चंद्रा और जिला फोरेंसिक अधिकारी अमित पटेल मौके पर पहुंचे। 4 फीट की खुदाई में मानव कंकाल की 16 हड्डियां बरामद फोरेंसिक टीम टैंक ने सैप्टिक टैंक की करीब 4 फीट खुदाई की, तो वहां से मानव कंकाल की एक-एक कर 16 हड्डियां बरामद हुईं। साथ ही घटनास्थल से डॉट पेन, सीरीज इंजेक्शन, प्लास्टिक बटन, अंडरवियर का रबर, सीमेंट पोल, नायलॉन की रस्सी और साइकिल की ट्यूब भी मिली। प्राथमिक जांच में पुलिस ने हत्या की आशंका जताई। अचानक लापता हो गया नंदू नंदू 2018 में अचानक लापता हो गया था। वह अक्सर काम की तलाश में कुछ महीनों के लिए गांव से बाहर जाता था, इसलिए शुरुआती दिनों में उसकी गैरमौजूदगी को सामान्य माना गया। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया और वह कभी वापस नहीं लौटा। ग्रामीणों और नंदू के दोस्तों ने जब बार-बार उसके सौतेले पिता राममिलन से नंदू के बारे में पूछा, तो उसने हर बार गोलमोल जवाब दिया। कभी वह कहता कि नंदू काम पर बाहर गया है, तो कभी कहता कि कोरोना में उसकी मौत हो गई है। दैनिक भास्कर की ग्राउंड रिपोर्टिंग के बाद सामने आई हकीकत 21 मई को जब ‘दैनिक भास्कर’ की टीम गांव पहुंची और ग्राउंड रिपोर्टिंग की, तो ग्रामीणों ने खुलकर बताया कि उन्हें पहले से ही संदेह था कि राममिलन ने ही नंदू की हत्या की है। लेकिन कानूनी डर और सबूतों की कमी के चलते कोई भी खुलकर कुछ नहीं बोल पा रहा था। नंदू की मां की गवाही के बाद पुलिस को हुआ शक जांच के दौरान पुलिस ने नंदू की मां से भी पूछताछ की। उन्होंने बताया कि नंदू को आखिरी बार अपने सौतेले पिता राममिलन के साथ जाते हुए देखा गया था। इसके बाद पुलिस को उसके पिता पर शक हुआ। शक के आधार पर पुलिस ने राममिलन को उसके घर से हिरासत में लिया और पूछताछ की। थाने ले जाने में तीन घंटे लगे पुलिस ने राममिलन गोड़ को उसके घर से हिरासत में लिया और गांव से अर्जुनी थाने तक करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर ले गई। इस दूरी को तय करने में लगभग तीन घंटे लगे, इस दौरान आरोपी ने चार बार चाय पी और पुलिस के सवालों के जवाब देने से बचता रहा। लेकिन थाने पहुंचने के बाद, पूछताछ के दबाव में उसने आखिरकार अपना जुर्म कबूल कर लिया। हत्या के बाद बेटे के शव को सेप्टिक टैंक में छुपाया आरोपी राममिलन ने बताया कि अपने सौतेले बेटे नंदू सोनी की हत्या वर्ष 2017 के आसपास क्वार नवरात्रि के दौरान की थी। उस रात घर में वो अकेले था, जबकि उसकी पत्नी माया ध्रुव और बेटियां पायल और गायत्री बाहर गई थी। रात करीब 10-11 बजे नंदू घर पहुंचा और खाने को लेकर उसकी बेटे से कहासुनी शुरू हो गई। झगड़े के दौरान उसने नंदू का गला पकड़कर उसका सिर दीवार पर दे मारा, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद अलगे दिन तड़के लगभग 4 बजे राममिलन ने बेटे के शव को अकेले ही कंधे पर उठाया और खींचते हुए घर से कुछ दूरी पर स्थित गोदाम में ले गया। वहां उसने शव को सीमेंट पोल से नायलॉन रस्सी और साइकिल की ट्यूब की मदद से बांधा और सैप्टिक टैंक में फेंक दिया। हत्या के बाद आरोपी ने कभी पुलिस में बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी नहीं दर्ज करवाई। 20 मई को पुलिस ने मामले का खुलासा किया और आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। नंदू की पहचान और लोगों की यादें नंदू के करीबी दोस्त नरोत्तम साहू ने बताया कि नंदू गांव में हर किसी का चहेता था। गांव के किसी भी व्यक्ति के कहने पर वह बिना ना किए हर काम करता था। नरोत्तम ने बताया कि वे दोनों पहले पुट्ठे के गोदाम में साथ काम करते थे। गोदाम बंद होने के बाद वे किराना भंडार में साथ काम करने लगे थे और एक साथ खाना भी खाते थे। नरोत्तम ने कई बार राममिलन से नंदू के बारे में पूछा, लेकिन हर बार उसे टालने वाले जवाब ही मिले। जब सैप्टिक टैंक से मानव कंकाल मिला, तो नरोत्तम की शंका और गहरा गई। अंततः पुलिस की तफ्तीश और नंदू की मां की गवाही ने सच को उजागर कर दिया। इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें पिता ने 7 साल पहले की थी बेटे की हत्या:धमतरी में मिले कंकाल से खुला राज,हत्या के बाद शव को सैप्टिक टैंक में छिपाया छत्तीसगढ़ के धमतरी में एक सैप्टिक टैंक से मिले मानव कंकाल के मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने मामले में तीन दिन के भीतर खुलासा करते हुए मृतक के सौतेले पिता को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में पता चला कि यह कंकाल एक आरोपी के सौतेले बेटे का है, जिसकी हत्या उसके पिता ने 7 साल पहले की थी। पढ़ें पूरी खबर…