मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अंबिकापुर प्रवास के दौरान घड़ी चौक पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। दरअसल कांग्रेसी मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें शहर की सड़कों के लिए राशि जारी करने के लिए ज्ञापन सौंपना चाहते थे। पुलिस ने उन्हें रोका तो जमकर हुज्जत हुई। भड़के कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि यही सुशासन है, कैसा सुराज है। हमें गोली मार दीजिए। पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को चौक से गिरफ्तार कर लिया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अंबिकापुर में अमृत भारत योजना के तहत रेलवे स्टेशन के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होने के बाद जिला पंचायत पहुंचे। मुख्यमंत्री के आगमन पर दोपहर 2 बजे उन्हें ज्ञापन सौंपने के लिए जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक के नेतृत्व में कांग्रेसी राजीव भवन से निकले। पुलिस ने कलेक्टोरेट चौक पर कांग्रेसियों को रोका तो उन्होंने पुलिस बल ने रोक दिया। कांग्रेसियों ने की नारेबाजी, पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस द्वारा रोके जाने पर कांग्रेसियों ने कलेक्टोरेट चौक पर मुख्यमंत्री का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की। पुलिस ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, पूर्व महापौर डा. अजय तिर्की, पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता सहित 20 कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें लेकर मणिपुर थाने पहुंची। सीएम पर वादा खिलाफी का आरोप
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अंबिकापुर की जर्जर सड़कों के लिए 23 करोड़ रुपये जारी करने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई है। कांग्रेसियों ने पहले ही मुख्यमंत्री के अंबिकापुर प्रवास का विरोध करने की चेतावनी दी थी। कांग्रेस कार्यालय के बाहर एवं घड़ी चौक में अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया था। कांग्रेस जिलाध्यक्ष बाल कृष्ण पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने के लिए जिला प्रशासन से सुबह से ही समय मांगा जा रहा था। जिला कांग्रेस कार्यालय में पुलिस बल भेज दिया गया। बाल कृष्ण पाठक ने कहा कि एक माह में बारिश आने वाली है और सड़कों की दुर्दशा हो जाएगी। पुलिस से हुज्जतबाजी होने पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक भड़़क गए और कहा कि हमें गोली मार दीजिए। यही सुशासन है, यही सुराज है। 4 बजे के बाद छोड़े गए कांग्रेसी
जिला पंचायत में मुख्यमंत्री की बैठक एवं प्रेसवार्ता समाप्त होने की सूचना मिलने के बाद कांग्रेसियों को मणिपुर थाने से मुचलके पर छोड़ा गया। गिरफ्तार किए गए कांग्रेस नेताओं में भानू प्रताप सिंह, शैलेष सिंह, सतीष बारी सहित 20 से अधिक पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल थें