सारंगढ़ में विचरण कर रहा 27 हाथियों का झूंड बलौदाबाजार जिले में पहुंच गया है। गुरुवार को अर्जुनी परिक्षेत्र के जंगल में 28 हाथी देखने को मिले है। इनमें से 27 हाथी गाताडीह कक्ष क्रमांक 370/371 में विचरण कर रहे हैं। एक नर हाथी झुंड से अलग होकर कोठारी जंगल में है। यह झुंड करीब एक साल बाद सारंगढ़ के जंगलों से यहां आया है। वन अधिकारियों के मुताबिक, हाथियों ने यहां भी फसलों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। जंगल में पर्याप्त चारा और पानी होने से झुंड वहीं है। हालांकि, एक अकेला नर हाथी खतरनाक हो सकता है। इसका व्यवहार अप्रत्याशित और आक्रामक हो सकता है। जानकारी के मुताबिक, ग्राम महाराजी के अशोक पैकरा, ईश्वर पैकरा, जेठू राम कर्ष के करीब 2 एकड़ धान का फसल को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है। वन विभाग ने हाथियों को वापस जंगल की ओर मोड़ने के लिए फायर क्रैकर्स, चमकीले रोशनी वाले फ्लैशलाइट और अन्य हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं। 200 किलो खाना और 50 लीटर पानी पीता है हाथी वन अधिकारियों के मुताबिक, हाथियों का यह प्रवास भोजन और पानी की तलाश में हुआ है। एक हाथी रोजाना 200-300 किलोग्राम भोजन और 50 लीटर तक पानी की खपत करता है। वर्तमान में हाथियों का झुंड जंगल से लगी धान की फसल को नुकसान पहुंचा रहा है। वन विभाग कर रहा विशेष निगरानी वन विभाग और वन मित्रों की टीमें लगातार हाथियों पर नजर रख रही हैं। फसल को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए विशेष निगरानी की जा रही है। वन विभाग ने आसपास के गांवों में मुनादी करवाई है। ग्रामीणों को हाथियों के रास्ते से दूर रहने की सलाह दी गई है। अकेला हाथी बना बड़ा खतरा झुंड से अलग हुए दंतैल हाथी को लेकर वन विभाग विशेष रूप से चिंतित है। अकेले हाथी अक्सर तनावग्रस्त और आक्रामक हो जाते हैं। इसलिए, वन विभाग की टीमें ड्रोन और ट्रैकिंग के जरिए इस हाथी पर नजर बनाए हुए हैं। साथ ही, ग्रामीणों को शाम के बाद घरों के अंदर रहने की सलाह दी गई है। विभाग का लक्ष्य है कि हाथियों को मानव बस्तियों से दूर रखा जाए और उन्हें सुरक्षित तरीके से वन क्षेत्र में वापस भेजा जाए। ………………………. इससे जुड़ी खबर भी पढ़ें… पानी में एलीफेंट फैमिली की मस्ती:सिर नीचे पैर ऊपर कर नहाते दिखा हाथी, गोमर्डा अभयारण्य के तालाब में चीतल-बायसन भी प्यास बुझाने पहुंच रहे छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से लगे बरमकेला के गोमर्डा अभयारण्य में हाथियों की मौज हो गई है। यहां मौजूद पर्याप्त पानी और चारा इन्हें दूसरे जंगल जाने से रोके हुए हैं। 27 हाथियों का दल 2023 में यहां पहुंचा था। भीषण गर्मी में विभाग ने टंकियों और तालाबों को पानी से भर दिया है। पढ़ें पूरी खबर…