भास्कर न्यूज|गढ़वा सदर अस्पताल में इन दिनों ठग गिरोह सक्रिय हैं। यहां तक कि प्रशिक्षण के लिए सदर अस्पताल में निजी नर्सिंग संस्थानों से आने वाले कई प्रशिक्षु भी ऐसे गिरोह में सक्रिय होकर मरीजों की सरेआम ठगी कर रहे हैं। इसमें सदर अस्पताल के आेपीडी में भीड़-भाड़ के बीच लाइन में खड़े लोगों को दरकिनार कर खास मरीज को चिकित्सक के पास पहुंचा देने, बाहर से रक्त एवं अन्य जांच कराने आदि के नाम पर मरीजों या उनके स्वजनों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। ऐसे मामले सदर अस्पताल में लगातार सामने आ रहे हैं, लेकिन सदर अस्पताल प्रबंधन इस पर कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साधे रहता है।सोमवार को भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया, जब सदर अस्पताल में प्रशिक्षण के लिए आए मंजीत मेहता नामक बीएससी नर्सिंग के एक छात्र ने सर्पदंश पीड़ित गोविंद अहिरवार से सोडियम व पोटैशियम जांच के नाम पर 2000 रुपए ठग लिए। लेकिन मामला उजागर होने पर उसे लौटा भी दिया। खास बात यह रही कि लेनदेन मोबाइल फोनपे नंबर से हुआ। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार ने बताया कि मरीज से पैसे ठगी किए जाने में जांच कराकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के अनैतिक कार्य में संलिप्त प्रशिक्षुओं पर नजर रखी जाएगी। मामला मध्य प्रदेश के जिला छतरपुर के थाना भगवां के गांव ग्वारा के रहने 22 वर्षीय गोविंद अहिरवार पिता हरजू राम की शादी गढ़वा जिले के कांडी थाना क्षेत्र अंतर्गत जतरो पतरिया गांव में जगन्नाथ राम की पुत्री नगीना देवी से हुआ है। एक विवाह समारोह में शामिल होने ससुराल आए गोविंद को सोमवार की सुबह में कोबरा सांप ने डस लिया। इसके बाद उसके स्वजन सदर अस्पताल में लेकर पहुंचे थे। हालांकि चिकित्सक के अनुसार मरीज की हालत ठीक है। लेकिन उसे भर्ती कर आजर्वेशन में रखा गया। शाम करीब 2:40 बजे बीएससी नर्सिंग के छात्र मंजीत मेहता ने मरीज के पास जाकर उसके स्वजनों को शीघ्र ही चिकित्सक द्वारा बताए जांच को मेडाल लैब में कराने के लिए राशन कार्ड एवं आधार कार्ड मांगने लगा। जब मरीज के स्वजनों ने कहा कि ये बाहर के हैं, इनका राशन कार्ड नहीं है। तब मंजीत मेहता ने जांच में दो हजार रुपए खर्च बताते हुए कहा कि बाहर से जल्द जांच करा देंगे। इसके बाद मरीज के ससुर जगन्नाथ राम ने अपने पुत्र प्रदीप कुमार को फोन किया और मंजीत मेहता के कहे अनुसार उसके मोबाइल नंबर 9155435079 पर 2500 रुपए भुगतान करा दिया। हालांकि इसमें से 500 रुपए मंजीत ने जगन्नाथ राम को नगद लौटा दिए। इसके बाद मरीज का रक्त का नमूना लेकर जांच के लिए सदर अस्पताल के प्रथम तल पर अवस्थित सरकारी जांच घर में ले गया। इसे देखकर मरीज के स्वजन को संदेह हुआ। तब उसने जांच केंद्र में मौजूद तकनीशियन से पैसे लिए जाने के बारे पूरी बात बता दी। तब खुद को फंसता हुआ देखकर मंजीत मेहता ने फोनपे नंबर पर ही 2000 रुपए लौटा दिए। इसे लेकर मरीज के स्वजन जगन्नाथ राम ने बताया कि वे इस मामले को लेकर सिविल सर्जन एवं उपायुक्त से मिलकर शिकायत करेंगे।