छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग और पुलिस विभाग के 60 से अधिक अफसरों ने 15 टीम बनाकर 45 मेडिकल स्टोर में छापेमारी की। इस दौरान 15 से अधिक मेडिकल स्टोर में बिना रिकार्ड के प्रतिबंधित और कोडीनयुक्त नशीली दवाइयों के स्टाक मिले। वहीं, बगैर प्रिस्क्रिप्शन के नारकोटिक्स दवाइयों की बिक्री भी जा रही थी। ऐसे दुकानों को चिन्हित कर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई के दौरान 15 मेडिकल स्टोर के लाइसेंस सस्पेंड किए गए। वहीं, तीन मेडिकल स्टोर का लाइसेंस भी निरस्त किया गया है। बुधवार को ड्रग विभाग की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त रूप से अभियान चलाया। इस दौरान शहर में संचालित 45 से अधिक मेडिकल स्टोर की जांच की गई। अफसरों की अलग-अलग टीम ने पुराना बस स्टैण्ड, तोरवा, मोपका, लिंगियाडीह, चिंगराजपारा, चॉटीडीह, सरकण्डा, यदुनन्दन नगर, तारबहार, जरहाभाटा, बहतराई, सकरी, मंगला, मंगला चौक, विद्या नगर, आदि में संचालित मेडिकल स्टोर्स में नशीली दवाओं के अवैध व्यापार पर नियंत्रण लगाने के लिए छापेमारी की। अफसरों की तलाशी के दौरान कई मेडिकल स्टोर में बड़े पैमाने पर खामियां पाई गई। वहीं, नियमों को दरकिनार कर प्रतिबंधित और नशीली दवाइयों की खरीद-बिक्री करने की भी जानकारी मिली। 15 मेडिकल स्टोर में मिली अनियमितता, होगी वैधानिक कार्रवाई
छापेमारी के दौरान दुकानों में टेस्ट परचेस किया गया। जिसमें मंगला स्थित जेके मेडिकल स्टोर में बिना प्रिस्किपशन के नारकोटिक्स दवाइयां बेची जा रही थी। दुकान संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इसी तरह 15 दुकानों में महाराणा प्रताप चौक स्थित मां गायत्री मेडिकल, सीएमडी चौक स्थित जोया मेडिकल, पुराना बस स्टैंड के आनन्द मेडिकल स्टोर, चिंगराजपारा के प्रतीक मेडिकल स्टोर, अशोक नगर स्थित श्रीराम मेडिकल स्टोर, मोपका के सारिका मेडिकल स्टोर, लिंगियाडही के मां मेडिसीन कॉर्नर, चिंगरापारा के शुक्ला मेडिकल, मां गौरी मेडिकल, मंगला स्थित जैन मेडिकल, मंगला चौक स्थित ओम शिव मेडिकल, सकरी के शिव ओम मेडिकल स्टोर, तारबाहर स्थित पराग मेडिकोज, जरहाभाटा के चन्द्रा मेडिकोज, जरहाभाटा के अनिल मेडिकल में नारकोटिक्स दवाइयां बरामद की गई, जिनका कय-विक्रय अभिलेख फर्म द्वारा मौके पर प्रस्तुत नहीं किया जा सका। लिाहा, इन मेडिकल स्टोर्स के विरूद्ध औषधि से संबंधित प्रचलित कानूनों के तहत कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा भी अन्य दुकानों में औषधि नियमावली की अनियमित्ता पाई गई, जिन्हे स्पष्टीकरण जारी कर नोटिस दिया गया है। संतोषजनक जबाव नहीं मिलने पर विभाग द्वारा औषधि नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। 15 मेडिकल स्टोर के लाइसेंस सस्पेंड, तीन का निरस्त
अफसरों ने बताया कि औषधि विभाग की ओर से नशीली दवाओं के की बिक्री पर रोक लगाने के लिए पिछले आठ माह से लगातार मेडिकल स्टोर की जांच की जा रही है। इस दौरान खामियां मिलने पर मेडिकल स्टोर के लाइसेंस सस्पेंड करने की कार्रवाई की गई। जांच के दौरान जिले के 19 औषधि प्रतिष्ठानों को स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया गया। इस दौरान 15 मेडिकल दुकानों के लाइसेंस सस्पेंड किए गए। वहीं, तीन मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निरस्त किया गया है। इसी तरह राज्य के सभी जिलों के मेडिकल स्टोर्स में नशीली दवाओं के अवैध बिक्री पर रोक लगाने आने वाले समय में औषधि विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त रूप से चरणबद्ध तरीके से कार्रवाई की जाएगी।