भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया है। ऐसा करने वाले वह दुनिया के सबसे युवा प्लेयर बन गए, उनकी उम्र महज 18 साल है। उन्होंने चीन के डिफेंडिंग चैंपियन डिंग लिरेन को 14वें गेम में से हराया। इसी के साथ स्कोर 7.5-6.5 हो गया और गुकेश चैंपियन बन गए। बुधवार को वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप की 13वीं बाजी में 68 चाल के बाद गुकेश को गेम ड्रॉ खेलना पड़ा था। तब स्कोर 6.5-6.5 से बराबरी पर था। गुकेश ने तीसरा, 11वां और 14वां गेम जीता। वहीं लिरेन ने पहला और 12वां गेम जीता। बाकी सभी गेम ड्रॉ रहे। सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन बने, आनंद के बाद दूसरे भारतीय गुकेश चेस के वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले भारत के दूसरी ही प्लेयर बने। उनसे पहले 2012 में विश्वनाथन आनंद चेस चैंपियन बने थे। गुकेश चेस इतिहास में सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन बने, उनकी उम्र महज 18 साल है। इससे पहले उन्होंने 17 साल की उम्र में FIDE कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट भी जीता था। तब वह ऐसा करने वाले भी सबसे युवा प्लेयर बने थे। 11वां गेम गुकेश ने जीता, 12वें में लिरेन की वापसी रविवार तक 11 गेम के बाद गुकेश 6-5 से आगे थे। 11 में से 8 गेम ड्रॉ रहे थे, जबकि 2 में गुकेश और 1 में लिरेन को जीत मिली थी। लेकिन लिरेन ने वापसी की और 12वां गेम जीत लिया और स्कोर फिर बराबर कर दिया। बुधवार को 13वां गेम भी ड्रॉ रहा, जिसके बाद स्कोर 6.5-6.5 से बराबर हो गया था। 138 साल के इतिहास में पहली बार 2 एशियाई खिलाडी हुए आमने-सामने इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) के 138 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब एशिया के 2 खिलाड़ी वर्ल्ड चैंपियन के खिताब के लिए आमने-सामने थे। जीतने वाले को 20.86 करोड़ रुपए (2.5 मिलियन यूएस डॉलर) मिलेगा। कौन हैं डी गुकेश गुकेश डी का पूरा नाम डोमाराजू गुकेश है और वे चेन्नई के रहने वाले हैं। गुकेश का जन्म चेन्नई में 7 मई 2006 को हुआ था। उन्होंने 7 साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उन्हें शुरू में भास्कर नागैया ने कोचिंग दी थी। नागैया इंटरनेशनल स्तर के चेस खिलाड़ी रहे हैं और चेन्नई में चेस के होम ट्यूटर हैं। इसके बाद विश्वनाथन आनंद ने गुकेश को खेल की जानकारी देने के साथ कोचिंग दी। गुकेश के पिता डॉक्टर हैं और मां पेशे से माइक्रोबायोलोजिस्ट हैं।