MNS नेता राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि वो लिखित आदेश जारी करे कि पहली कक्षा से बच्चों को सिर्फ मराठी और इंग्लिश पढ़ाई जाएगी, हिंदी को अनिवार्य नहीं किया जाएगा। उन्होंने बुधवार को कहा कि सरकार ने पहले तीन भाषाएं पढ़ाने का फैसला लिया था और अब हिंदी की किताबें छप भी गई हैं। अगर सरकार अब फिर से हिंदी को जरूरी करती है, तो MNS आंदोलन करेगी। महाराष्ट्र में 16 अप्रैल को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को लागू करने का फैसला लिया गया था, इसके तहत राज्य के मराठी और अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा के छात्रों के लिए हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाया गया था। हालांकि, राज्य में कई संगठन और राजनीतिक दलों ने हिंदी को अनिवार्य करने का विरोध किया। इसके चलते राज्य सरकार ने 22 अप्रैल को हिंदी अनिवार्य करने का अपना निर्णय वापस ले लिया था। पत्रकारों से बातचीत के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा था कि स्टूडेंट्स तीसरी भाषा अपने मन से चुन सकेंगे। हिंदी अनिवार्य नहीं होगी। ठाकरे बोले– जनता के साथ मिलकर विरोध करेंगे राज ठाकरे ने पूछा कि जब सरकार ने कहा था कि हिंदी जरूरी नहीं होगी, तो अब तक उसका ऑर्डर क्यों नहीं निकाला गया? उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द फैसला नहीं लिया, तो जनता के साथ मिलकर विरोध करेंगे। महाराष्ट्र में 5+3+3+4 मॉडल भी लागू करने का प्लान नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के नए करिकुलम को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र में इन क्लासेज के लिए तीन भाषा की पॉलिसी लागू की गई थी। वहीं, महाराष्ट्र में NEP का रिकमेंड किया गया 5+3+3+4 मॉडल फेज-वाइज पहले की गई घोषणा के मुताबिक ही लागू किया जाएगा। इस नए स्ट्रक्चर के पहले फेज को नए एकेडमिक ईयर यानी 2025-26 से पहली क्लास के लिए लागू किया जाएगा। थ्री लैंग्वेज पॉलिसी फेज-वाइज लागू की जाएगी थ्री लैंग्वेज पॉलिसी भी फेज-वाइज ही लागू की जाएगी। इस एकेडमिक ईयर से राज्य के पहली क्लास के स्टूडेंट्स तीन भाषाएं पढ़ेंगे। करिकुलम के नए फ्रेमवर्क के अनुसार, महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड की टेक्स्ट बुक्स NCERT के करिकुलम पर आधारित होंगी। हालांकि, सोशल साइंस और लैंग्वेजेस की बुक्स में महाराष्ट्र का लोकल कॉन्टैक्स्ट जोड़ा जाएगा। इसी के हिसाब से पहली क्लास की टेक्स्ट बुक्स बालभारती द्वारा पब्लिश की जाएंगी। बालभारती स्टेट का टेक्स्ट बुक ब्यूरो है। ———————————– महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… नाराज चल रहे छगन भुजबल महाराष्ट्र कैबिनेट में मंत्री बने:बोले- अंत भला तो सब भला, जो जिम्मेदारी मिलेगी निभाऊंगा नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता छगन भुजबल ने 20 मई को महाराष्ट्र कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली। मंत्री बनने के बाद उन्होंने कहा- ‘कहते हैं न- अंत भला तो सब भला। मैंने अब तक हर जिम्मेदारी अच्छे से निभाई है। अब भी जो जिम्मेदारी मिलेगी, उसे निभाऊंगा।’ दरअसल, पिछले साल नवंबर में महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की सरकार बनी थी। हालांकि, 77 साल के छगन को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था, जिससे वह नाराज चल रहे थे। पूरी खबर पढ़ें…