कोरोना के बाद चीन में एक नया वायरस मिला है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि HKU5-CoV-2 नाम का यह वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकता है। फिलहाल यह वायरस चमगादड़ों में पाया गया है, लेकिन एक छोटे से बदलाव (म्यूटेशन) के बाद यह इंसानों में फैल जाएगा। यह वायरस MERS (मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) से मिलता-जुलता है। इस वायरस को सबसे पहले चीन के दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्रों में चमगादड़ों में पाया गया था। इसे वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के शोधकर्ताओं ने पहचाना था। यह वही लैब है, जहां से कोविड-19 के लीक होने की आशंका जताई जाती है। यह खबर ऐसे समय में आई है, जब एशिया के सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग, चीन, थाईलैंड और इंडिया में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अकेले भारत में एक्टिव केस की संख्या 5 हजार से ज्यादा हो गई है। HKU5-CoV-2 का लाइनेज 2 टाइप इंसानों को संक्रमित करने में सक्षम HKU5-CoV-2 यह वायरस मर्बेको वायरस फैमिली का हिस्सा है, जिसमें मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS-CoV) जैसे घातक वायरस शामिल हैं। MERS-CoV मुख्य रूप से चमगादड़ों में पाया जाता है। यह ऊंटों के जरिए इंसानों में फैलता है। ऊंट इसके रिजरवायर (जहां निष्क्रिय वायरस रहते है) माने जाते हैं। MERS पहली बार 2012 में सऊदी अरब में सामने आया था। MERS की मृत्यु दर लगभग 34% अधिक है। यानी, हर तीन में से एक संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने HKU5 वायरस का अध्ययन किया और ‘नेचर कम्युनिकेशंस’ पत्रिका में अपने निष्कर्ष प्रकाशित किए। उन्होंने पाया कि HKU5-CoV-2 का एक टाइप, लाइनेज 2, पहले से ही इंसानी कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता रखता है। वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक छोटा सा बदलाव उसे ह्यूमन ACE2 कोशिकाओं से जुड़ने में सक्षम बना सकता है, जो लोगों के गले, मुंह और नाक में पाए जाते हैं। विशेषज्ञों ने चीन के बाजारों से इस वायरस के इंसानों में फैलने का खतरा जताया HKU5-CoV-2 अभी केवल चमगादड़ों में फैल रहा है, और इंसानों में इसके फैलने का कोई सबूत नहीं है। हालांकि, विशेषज्ञों को डर है कि चीन में बेकाबू वन्यजीव व्यापार के कारण इसके फैलने का खतरा बढ़ गया है। वैज्ञानिकों ने ‘स्यूडोवायरस’ (नकली वायरस) बनाकर प्रयोग किए, जिसमें HKU5 के स्पाइक प्रोटीन का उपयोग किया गया। ये प्रयोग दिखाते हैं कि यह वायरस चमगादड़ों की कोशिकाओं को आसानी से संक्रमित करता है,और इंसानी कोशिकाओं में भी प्रवेश कर सकता है अगर इसमें खास म्यूटेशन हों जाए। चमगादड़ और इंसानों के बीच केवल एक म्यूटेशन होने की देरी है। अगर यह वायरस चमगादड़ों से किसी और जानवर जैसे मिंक या सीवेट (जंगली बिलाव) तक पहुंचता है, तो इसमें म्यूटेशन होगा, जिसके बाद ये वायरस इंसानों को संक्रमित करने में सक्षम हो जाएगा। विशेषज्ञों ने चीन के बाजारों से भी इस वायरस के इंसानों में फैलने का खतरा जताया है, क्योंकि इन बाजारों में जानवरों को खुले और गंदी परिस्थितियों में रखा जाता। थाईलैंड-चीन में में कोविड-19 के 1 लाख से ज्यादा मामले नेशनल थाईलैंड की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से लेकर मई तक थाईलैंड में कोविड-19 के 1 लाख 87 हजार मामले और कम से कम 44 मौतें दर्ज की गई हैं। एक सप्ताह (18-24 मई) में कुल 67 हजार नए मामले और आठ मौतें दर्ज की गईं, जिनमें बैंकॉक सबसे आगे रहा। सिंगापुर में भी मामलों में वृद्धि देखी गई है, मई की शुरुआत में लगभग 14,200 संक्रमण थे। सिंगापुर में 1 मई से 19 मई के बीच 3000 मरीज सामने आए हैं। अप्रैल के आखिरी हफ्ते तक ये संख्या 11,100 थी। यहां मामलों में 28% का इजाफा हुआ है। वहीं, हॉन्गकॉन्ग में जनवरी से अब मई तक 81 मामले सामने आए। इनमें से 30 की मौत हो चुकी है। दूसरी ओर चीन के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने जून की शुरुआत में 15.8 प्रतिशत की दर से मामले सामने आने की सूचना दी थी। निक्केई एशिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में चीन में 1 लाख 68 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें 340 गंभीर मामले और नौ मौतें शामिल हैं। भारत में तेजी से फैल रहा वायरस, 24 घंटे में 500 नए मामले आए भारत में भी कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पिछले 20 दिन में केसों की संख्या में 58 गुना की बढ़ोतरी हुई है। 16 मई को देशभर में कोविड के 93 एक्टिव केस थे, जिनकी संख्या अब 5364 पहुंच गई है। कोरोना 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैल गया है। बीते 24 घंटे में 500 नए मामले सामने आए हैं। केरल में सबसे ज्यादा 1679 मामले हैं। इसके बाद गुजरात में 615, पश्चिम बंगाल में 596, दिल्ली में 592 और महाराष्ट्र में 548 एक्टिव केस हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक भारत में कोरोना से 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। भारत में कोरोना का पहला मामला जनवरी 2020 में सामने आया था। मार्च 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया। इम्यूनिटी को कमजोर करता है JN1 वेरिएंट इस बार संक्रमण के लिए ओमिक्रोन के नए वेरिएंट JN1 और उसके सब-वेरिएंट्स LF7 और NB1.8 को जिम्मेदार माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह लगे कि ये नए वेरिएंट पहले से ज्यादा खतरनाक या तेजी से फैलने वाले हैं। हालांकि, उनका मानना है कि यह लहर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर अपना असर दिखा सकती है। JN1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। जिसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN1 पहले के वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। यह दुनिया के कई हिस्सों में सबसे आम वेरिएंट बना हुआ है। COVID-19 JN1 के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक कहीं भी रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लॉन्ग-COVID हो । यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं। ——————- ये खबर भी पढ़ें… 20 दिन में कोरोना केस 93 से 5364 हुए:55 मौतें, 24 घंटे में 500 नए मामले; ओडिशा के स्कूलों में मास्क अनिवार्य देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पिछले 20 दिन में केसों की संख्या में 58 गुना की बढ़ोतरी हुई है। 16 मई को देशभर में कोविड के 93 एक्टिव केस थे, जिनकी संख्या अब 5364 पहुंच गई है। पूरी खबर पढ़ें…