एमएसएमई एसोसिएशन ने बीआईएस नियमों से पैदा हुई समस्या उठाई

भास्कर न्यूज | जालंधर राजा गार्डन के कारोबारियों ने वीरवार को पंजाब की सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग इकाइयों ने केंद्र सरकार द्वारा कास्ट आयरन उत्पादों पर लागू किए गए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (नंबर: क्यूसीआई, 2024) को लेकर गंभीर चिंता जताई है। सरकार ने पिछले सार फैरमेटिंग की थी, अब इसे लेकर विभागीय हलचल के बाद कारोबारी संगठन भी दिक्कतों के हल की मांग उठा रहे हैं। इन जालंधर की एमएसएमई एसोसिएशन ने केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी को ज्ञापन भेजकर ब्यूरो अॉफ इंडियन स्टैंडर्ड लाइसेंस की अनिवार्यता से छूट देने की मांग की है। चीन की तर्ज पर क्लस्टर बनाना चाहिए। इससे हर इकाई की क्षमता और इन्फ्रास्ट्रक्चर के अनुसार उत्पाद तैयार कराए जा सकते हैं, जिन्हें सरकार खुद बाजार में बेचे। इससे छोटे उद्योगों को निवेश पर रिटर्न की चिंता नहीं रहेगी। संगठन के प्रधान गुरचरण सिंह ने वीरवार को इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि आईएस 210 मानक के अनुरूप ग्रे कास्ट आयरन से वाल्व और अन्य उत्पाद बनाने वाली एमएसएमई इकाइयों के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड प्रमाणन की प्रक्रिया महंगी और जटिल है। इससे हजारों छोटे उद्योग बंद होने की कगार पर पहुंच सकते हैं। एमएसएमई एसोसिएशन ने केंद्र सरकार को लेटर भेजकर अपने मुद्दे के हल की मांग की है। एमएसएमई इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन, पंजाब के अध्यक्ष गुरचरण सिंह ने कहा कि यदि यह आदेश जरूरी है, तो सरकार को लेबोरेटरी की मशीनों पर 100% सब्सिडी देनी चाहिए और पहले पांच साल तक सरकारी फीस माफ की जाए। संगठन के चेयरमैन अशोक मल्होत्रा, संदीप महाजन, दर्शन सिंह, परगट सिंह और सनी मनोचा इस दौरान शामिल रहें।

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