भास्कर न्यूज | गिरिडीह श्री कबीर ज्ञान मंदिर में 11 जून को संत सम्राट सद्गुरु कबीर साहब की 627वीं जयंती पर भव्य आविर्भाव महोत्सव होगा। इस अवसर पर वैदिक यज्ञ और हवन का आयोजन किया जाएगा। मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है। आसपास के इलाकों में कबीर साहब के दोहे और परचम लगाए जा रहे हैं। ज्येष्ठ पूर्णिमा, विक्रम संवत 1456 को काशी के लहरतारा सरोवर के तट पर कबीर साहब का दिव्य अवतरण हुआ था। तब से उनकी वाणी, विचार और जीवनदर्शन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं। वे केवल संत नहीं, युगों के लिए प्रकाश-स्तंभ हैं। उन्होंने धर्म को सरल बनाया। जात-पात और पाखंड पर चोट की। आत्मज्ञान, करुणा और कर्मयोग का संदेश दिया। इस पावन अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को सपरिवार आमंत्रित किया गया है। संत दादू दयाल साहब ने कहा कि जो कबीर साहब की शरण में आता है, उस पर काल, माया और मृत्यु का कोई असर नहीं होता। जिसने कबीर तत्व को पहचान लिया, वह उसी में विलीन हो जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 8 बजे यज्ञ-हवन से होगी। 9.30 बजे सद्गुरु मां का उद्बोधन होगा। 10 बजे से लोक प्राकट्य महोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रम और महाआरती होगी। दोपहर 2 बजे से नाट्य मंचन, बाल्य प्रस्तुति, विविध उद्बोधन और भजन संध्या के साथ पूर्णाहुति कर समापन होगा।