नाट्य मंचन . राजनांदगांव के पद्मश्री गोविंद राम निर्मलकर ऑडिटोरियम में हुआ एकल नाट्य स्पर्धा

भास्कर न्यूज | धमतरी राजनांदगांव के पद्मश्री गोविंद राम निर्मलकर ऑडिटोरियम में एकल नाट्य स्पर्धा हुई। इसका आयोजन राजनांदगांव थिएटर ग्रुप ने किया। इसमें धमतरी के शाश्वत उत्सर्ग यूथ थिएटर ग्रुप ने भाग लिया। ग्रुप ने पीयूष मिश्रा द्वारा लिखित नाटक ‘गगन दमामा बाज्यो’ का मंचन किया। यह नाटक शहीद भगत सिंह के जीवन पर आधारित है। ‘गगन दमामा बाज्यो’ गुरु ग्रंथ साहिब की सुक्ति है। इसका अर्थ है- तू आज से भिड़ जा, बाकी देख लेंगे। नाटक में भगत सिंह की सोच को दिखाया गया है। उन्होंने जिस भारत की कल्पना की थी, उसे मंच पर जीवंत किया गया। नाटक में भगत सिंह के साथ राजगुरु, सुखदेव, अशफाक उल्ला खान, चंद्रशेखर आजाद, बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों के देशप्रेम को दिखाया गया। निर्देशन आकाश गिरी गोस्वामी ने किया। डिजाइन और तकनीकी मार्गदर्शन पीएस मलतियार ने संभाला। नाटक में वैभव रणसिंह ने भगत सिंह, गौतम साहू ने सुखदेव, हरिश सिन्हा ने राजगुरु और मुईन की भूमिका निभाई। आकाश गिरी ने चंद्रशेखर आजाद, बिस्मिल, बूढ़ा आदमी और अंग्रेज जज का किरदार निभाया। सोहन साहू ने मारकंड द्विवेदी, अंग्रेज पुलिस, अब्दुल अजीज और सरकारी वकील की भूमिका निभाई। सुनील मैथ्यू ने किशन सिंह, दुष्यंत सिन्हा ने यशपाल और फनिद्रनाथ घोष, आशीष साहू ने भगवती, फाल्गुनी ने विद्यावती और जान्हवी ने भगत सिंह की प्रेमिका की भूमिका निभाई। सभी कलाकारों ने सशक्त अभिनय से पात्रों को जीवंत किया। मंच सज्जा चंद्र प्रकाश साहू और लोकेश प्रजापति ने की। संगीत संयोजन आशीष साहू ने किया। संगीत संचालन वैष्णवी साहू ने संभाला। रूप सज्जा राजकुमार सिन्हा, वेशभूषा बसंत नामदेव टेलर और प्रकाश संचालन सुरेशदास मानिकपुरी व वीरेंद्र कुंजाम ने किया। इस नाटक में आकाश गिरी गोस्वामी को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का प्रथम पुरस्कार मिला। सोहन साहू को नकारात्मक भूमिका के लिए प्रथम स्थान मिला। नाटक को द्वितीय स्थान से सम्मानित किया गया।

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